सूरत : जानिये क्यों कारोबारी अपनी कपड़े की दुकान बंद कर कबाड़ी बन गया!

सूरत : जानिये क्यों कारोबारी अपनी कपड़े की दुकान बंद कर कबाड़ी बन गया!

तीन साल में दुकानदार को तीन लाख का नुकसान, फिर से शुरू करना चाहता है दुकान इसलिए पुलिस को सुनाई अपनी आप बीती

पुलिस पर हमला करने वाले कुख्यात आरिफ कोठारी और गुड्डू फायरिंग गैंग के डर से रेडीमेड कपड़ा दुकानदार ने दुकान बंद कर कबाड़ का धंधा शुरू कर दिया। आरिफ कोठारी की गिरफ्तारी के बाद छह महीने से दुकान बंद कर रहे एक व्यापारी ने पुलिस के सामने आकर अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि तीन साल से 3.28 लाख रुपये के मुफ्त कपड़े ले जाने वाले गिरोह ने दुकान को पूरा लूट लिया और लोगों को आतंकित कर रखा था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार ओलपाड निवासी 29 वर्षीय अंजार अली हैदर अली मालेक ने सोमवार को रांदेर थाने में संपर्क किया। उन्होंने कोठारी गिरोह के आतंक के बारे में कहा कि उन्होंने 2018 में अडाजन पाटिया जिले में पुल के नीचे अकबरी हवेली के नाम से रेडीमेड कपड़ा व्यवसाय शुरू किया था। एक दिन आरिफ कोठारी अपने बेटे आफताब उर्फ गोलू और सौतेले बेटे योगेश टंडेल के साथ उसकी दुकान पर आए और उधार के कपड़े मांगे। उसके मना करने के कुछ देर बाद ही नजीर उर्फ गुड्डू फायरिंग सईद शेख, मुख्तार अख्तर शेख और दो अन्य अज्ञात लोग वहां पहुंच गए।
आरिफ ने कमर पर हाथ रखकर कोठारी को संबोधित किया और कहा कि उसने व्यापारी को जान से मारने को धमकाया। कोठारी पिता और पुत्र ने 21,600 रुपये के कपड़े खरीदे, जबकि गुड्डू ने दुकान से 15,890 रुपये नकद चुरा लिए। यह सिलसिला पिछले तीन साल से चल रहा है। इस तरह कोठारी परिवार ने उनसे 3.28 लाख कपड़े मुफ्त में छीन लिए। इससे व्यापारी को लाभ तो दूर की बात है लेकिन घर से लगाया हुआ पैसा भी नहीं निकल रहा था।ऐसे में पैसे की कमी के कारण, 22 फरवरी को दुकान बंद कर दी गई थी और ओलपाड में घर के पीछे एक स्क्रैप व्यवसाय शुरू करने का समय था।
अब एक बार फिर कपडे का व्यापार शुरू करने की इच्छा से व्यापारी ने पुलिस से न्याय की मांग की है। व्यापारी अब इस गिरोह से सुरक्षा चाहता है।  पुलिस ने दोनों गिरोहों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
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