सूरत : घर की गरीबी दूर करने के लिए साड़ी का काम शुरू करने के साथ 100 से अधिक विधवा बहनों को पैरों पर खड़ी की
By Loktej
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विधवा बहनों को बिना निवेश के माल मुहैया कराती हूं : भावनाबेन
अपने घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए पुणा गांव के सीतानगर सोसाइटी की निवासी भावनाबेन हीरपारा ने अपने घर पर ही साड़ी का कारोबार शुरू किया था। धीरे-धीरे अन्य बहनें भी इसमें शामिल होने लगीं। जॉब वर्क के साथ-साथ साड़ी और ड्रेस मटेरियल बेचने की भी साहस की। थोड़ी सी पूंजी से शुरू करके धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए अन्य बहनों को भी अपने पैरों पर खड़े होकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कई बहनों को व्यवसाय करने के लिए आवश्यक सामान प्रदान कर 100 से अधिक बहनों को पैरों पर खड़ा किया है। सबसे खास बात यह है कि कुछ विधवाओं को बिना निवेश किए अपना माल बिक्री के लिए देकर उन्हें खड़ा किया।
भावनाबेन ने कहा कि अहमदाबाद में रहने वाले हमारे एक संबंधी बहन के बच्चे बहुत छोटे थे तभी उनके पति की मृत्यु हो गई, जिससे परिवार पर आर्थिक परेशानी बढ़ गई। परंतु में घर में व्यापार शुरु करने के लिए तीन लाख रुपये का माल भेजकर व्यापार शुरु करने की प्रेरणा देने से आज उनके बच्चे अच्छे से पढ़ रहे है और उनका परवरिश भी ठीक से हो पा रहा है। हम बहनों को विशेष रूप से समझाते हैं कि जब हम मुसीबत में हों तो रिश्तेदार और दोस्त थोड़ी मदद कर सकते हैं, लेकिन हमें स्थायी रूप से उन आश्रित नहीं रहना चाहिए। जिससे अपने पैरों पर होने यानी अपने को मजबूत होना बहुत ही जरुरी है। इसलिए किसी को भी पैरों पर खड़ा करने के लिए सहयोग करना बहुत जरुरी है।
हमें सही समय पर मदद मिली और आज हम अच्छी तरह से सेट हो गए हैं
अहमदाबाद की इंदुबेन पटेल ने कहा कि जब हमारे परिवार पर आर्थिक और सामाजिक विपदा आ पड़ी तो भावनाबेन ने हमारी उंगली पकड़कर व्यवसाय शुरू करने के लिए मार्गदर्शन और आवश्यक सामग्री प्रदान की, जिससे मैं आज अहमदाबाद में अच्छी तरह से सेट हो गई हूं। मेरा घर भी चल रहा है और मेरे बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं।
मुसीबत में पड़े व्यक्ति को बस सांत्वना-मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है
सूरत के पूणा गाम सीतानगर निवासी भावनाबेन हीरपरा कहती है कि मुसीबत में केवल सांत्वना-मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। हमने भी बहुत कुछ देखा है। अगर कोई विधवा बहन व्यवसाय शुरू करना चाहती है, तो हम शुरुआत में सारा सामान उपलब्ध कराते हैं। अहमदाबाद की दो बहनें बहुत अच्छी तरह से सेट हो गई हैं।
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