सूरत : समस्या ही प्रगति का जीवन मंत्र : गोविंदभाई ढोलकिया

सूरत : समस्या ही प्रगति का जीवन मंत्र : गोविंदभाई ढोलकिया

बिजनेस में सफल होने के लिए किस्मत से ज्यादा की जरूरत होती है। यह एक भ्रम है कि पैसा ही खुशी देता है। पैसा केवल उपकरण दे सकता है, खुशी केवल समझ दे सकती है और सुख केवल साधारण जीवन में है: गोविंदभाई ढोलकिया

चैंबर के एसजीसीसीआई बिजनेस कनेक्ट ने हीरा उद्योगपति गोविंदभाई ढोलकिया की सफल जीवन कहानी पर "डायमंड्स आर फॉरएवर, सो आर मोरल्स" पर एक कार्यक्रम आयोजित किया।
गुरुवार को दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एसजीसीसीआई बिजनेस कनेक्ट द्वारा प्रसिद्ध हीरा उद्योगपति गोविंदभाई ढोलकिया की सफल जीवन गाथा पर 'डायमंड्स आर फॉरएवर, सो आर मोरल्स' विषय पर 2 जून को सुबह 11:00 बजे समृद्धि, सरसाना, सूरत में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष गोविंदभाई ढोलकिया ने विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों के साथ-साथ उद्योग साहसिको को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।
गोविंदभाई ढोलकिया ने कहा कि तरक्की तब तक नहीं होती जब तक जीवन या व्यवसाय में परेशानी न हो। इसलिए उन्होंने 'समस्या ही प्रगति' को अपना जीवन मंत्र बना लिया है। समस्या है प्रगति भी उनकी कंपनी का नारा है और यह नारा अनुभव से निकला है। 1964 साल में जब वे सूरत आए तो 14 घंटे काम करते थे। उन्होंने गांव और सूरत आने के बाद उद्योगपतियों से संघर्ष की बात की। 
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एसजीसीसीआई बिजनेस कनेक्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित उद्योगपति
उन्होंने कहा कि संस्कृति के बिना शिक्षा, परिश्रम के बिना खेती और बिना समझ के जीवन व्यर्थ है। बुद्धि की बहुत अधिक न सुनें। विवेक का प्रयोग विवेक के लिए ही करना चाहिए। जीवन में आप जो भी निर्णय लें, उसे दिल से लें। अगर आप अपने लिए सम्मान पाना चाहते हैं, तो आपको पहले दूसरों का सम्मान करना होगा। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। कड़ी मेहनत करना खुशी की बात है। कर्मचारियों को कभी कम नहीं आंका जाना चाहिए। उन्हें उनके कौशल के अनुसार भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने उद्योगपतियों से अनुरोध किया था कि अगर ड्राइवर है तो उन्हें 50,000 रुपये तक की सैलरी दी जाए। क्योंकि, वे भी परिवार का हिस्सा हैं और अंत में अनुयायी को लाभ होता है।
व्यवसाय में भी, यदि आप प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलना चाहते हैं, तो आपको तेजी से और अधिक प्रयास के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह भ्रम है कि पैसा खुशी देता है, पैसा केवल साधन दे सकता है। सुख केवल समझ दे सकता है और सुख साधारण जीवन में ही होता है।
चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने स्वागत भाषण दिया। मानद मंत्री दीपक कुमार सेठवाला ने एसजीसीसीआई बिजनेस कनेक्ट की गतिविधियों की जानकारी दी। एसजीसीसीआई बिजनेस कनेक्ट के अध्यक्ष तपन जरीवाला ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। जबकि को-चेयरपर्सन स्नेहा जरीवाला ने गोविंदभाई ढोलकिया का परिचय कराया। संयोजक विशाल शाह ने सर्वेक्षकों का धन्यवाद कर कार्यक्रम का समापन किया।


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