सूरत : डायमंड इंडस्ट्री के लिए बड़ी खबर, बोत्सवाना की खनिज मंत्री ने GJEPC कार्यालय का किया दौरा
MSME निर्माताओं को रफ डायमंड की सीधी पहुंच दिलाने पर जोर; सूरत डायमंड बुर्स के वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर की हुई सराहना
सूरत। पिछले महीने बोत्सवाना में GJEPC (जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) की आधिकारिक यात्रा के बाद भारत–बोत्सवाना हीरा सहयोग को और मजबूती मिली है।
इसी क्रम में बोत्सवाना की माननीय खनिज और ऊर्जा मंत्री सुश्री बोगोलो जॉय केनेवेंडो ने भारतीय हीरा उद्योग के साथ विस्तृत चर्चा के लिए GJEPC के क्षेत्रीय कार्यालय, सूरत का दौरा किया।
उल्लेखनीय है कि हालिया बोत्सवाना दौरे के दौरान GJEPC द्वारा भारत–बोत्सवाना हीरा सहयोग को मजबूत करने पर आधारित एक विस्तृत व्हाइट पेपर बोत्सवाना के माननीय राष्ट्रपति को सौंपा गया था, जिसे वहां की सरकार और स्थानीय मीडिया से व्यापक सराहना मिली थी।
सूरत आगमन पर मंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल का GJEPC गुजरात क्षेत्रीय अध्यक्ष जयंती सावलिया ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने वैश्विक हीरा मूल्य श्रृंखला में भारत और बोत्सवाना की रणनीतिक भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात में दोनों देशों को और अधिक तालमेल तथा विश्वास के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
जयंति सावलिया ने विशेष रूप से बोत्सवाना से भारत के MSME हीरा निर्माताओं को कच्चे हीरों तक सीधी पहुंच उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
बैठक के दौरान सूरत इंटरनेशनल डायमंड सेंटर (SIDC) के स्पेशल नोटिफाइड जोन (SNZ) के निदेशक हितेश शाह ने प्रतिनिधिमंडल को SNZ की कार्यप्रणाली से अवगत कराया और बताया कि यह तंत्र खनन कंपनियों के लिए पारदर्शी, अनुपालन-संगत और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करता है।
SIDC के अध्यक्ष के रूप में जयंती सावलिया ने जानकारी दी कि सूरत SNZ-SIDC में अब तक 25 से अधिक कच्चे हीरे देखने (रफ डायमंड व्यूइंग) के कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और उन्होंने बोत्सवाना की खनन कंपनियों को सूरत में अधिक बार ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
माननीय मंत्री सुश्री बोगोलो जॉय केनेवेंडो ने सूरत डायमंड बोर्स के विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर की सराहना की और सूरत में कच्चे हीरों के सीधे व्यापार को लेकर GJEPC के प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वैश्विक बाजार परिस्थितियों को देखते हुए, ऐसे किसी भी कदम को आपसी लाभ सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक और संतुलित योजना के साथ आगे बढ़ाना होगा।
कुल मिलाकर, यह बैठक अत्यंत उपयोगी और भविष्योन्मुखी रही, जिसने भारत और बोत्सवाना की इस साझा प्रतिबद्धता को दोहराया कि वे संरचित, दीर्घकालिक और सतत सहयोग के माध्यम से वैश्विक हीरा उद्योग को और सशक्त बनाएंगे।
