सूरत : विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोग भी इस बार अमरनाथ यात्रा के लिये फिटनेस प्रमाणपत्र की चाह रख रहे हैं, विस्तृत रिपोर्ट

सूरत : विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोग भी इस बार अमरनाथ यात्रा के लिये फिटनेस प्रमाणपत्र की चाह रख रहे हैं, विस्तृत रिपोर्ट

अनफिट होने के बाद भी जिद कर रहे हैं कि डॉ साहब तुम सर्टिफिकेट बनाकर दो

सूरत में बहुत से दिव्यांग लोग हैं। जिसमें  कुछ की हृदय की सर्जरी हुई है और कुछ हीमोफिलिया से पीड़ित हैं, वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो निर्धारित उम्र से अधिक उम्र के हैं। अनफिट होने के बाद भी जिद कर रहे हैं कि डॉ साहब तुम सर्टिफिकेट बनाकर दो। 
वर्तमान में अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाले लोग सूरत सिविल अस्पताल में फिटनेस प्रमाण पत्र लेने के लिए उपस्थित हो रहे हैं। कोरोना के कारण दो साल से यह यात्रा नहीं कर पाने से इस साल अधिकतम 5,000 फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। जिसमें 40 फीसदी युवा और 60 फीसदी मध्यम आयु वर्ग के लोग सर्टिफिकेट लेने पहुंच रहे हैं। हालांकि, 10 में से केवल 6-7 लोग ही फिट हो रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि लकवा, हीमोफिलिया और हृदय शल्य चिकित्सा वाले श्रद्धालु डॉक्टर से फिटनेस प्रमाणपत्र देने के लिए कह रहे हैं, भले ही हम अमरनाथ यात्रा के दौरान मर जाएं, कोई बात नहीं।  13 वर्ष से डायाबिटीस से पीड़ित 21 वर्षीय युवक के फिटनेस टेस्ट में  मधुमेह का पता चला है। यात्रा के दौरान उन्हें दिल का दौरा भी पड़ सकता है। डॉक्टरों ने उन्हें अनफिट कर दिया है, लेकिन वह अब भी सर्टिफिकेट बनवाने की जिद कर रहे हैं। वे पिछले 3 दिनों से अस्पताल में आ रहे हैं।
एक दिव्यांग ने तो डॉक्टर की पैर भी पकड़ लीं
एक अन्य दिव्यांग  अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने डॉक्टर से किसी तरह अपना प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कहा। यह मेरा आखिरी साल है। उसके बाद मुझे मौका नहीं मिलेगा। डॉक्टरों ने उसे हड्डी रोग विभाग रेफर कर दिया। जो निःशक्तता की स्थिति जानने का निर्णय करेगा। अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में इतना उत्साह है कि वे खराब स्वस्थ्य होने के बाद भी अमरनाथ जाने को तैयार हैं। भक्तों का उत्साह देखकर लगता है कि आस्था स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। अमरनाथ यात्रा के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए इन दिनों लोग सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं।
उनमें से कई दिव्यांग हैं। जहां कुछ की हृदय की सर्जरी हुई है और कुछ हीमोफिलिया से पीड़ित हैं, वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो निर्धारित उम्र से अधिक उम्र के हैं। अनफिट होने के बाद भी जिद कर रहे हैं कि डॉ साहब आप सर्टिफिकेट बना दीजिए, भले ही हम इस सफर में मर जाएं। यह हमारा आखिरी मौका है।
हीमोफीलिया से पीड़ित 35 वर्षीय महिला को फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए सिविल अस्पताल पहुंची थी। डॉक्टरों ने हेमटोलॉजी और कार्डियोलॉजी विभाग में जांच की तो पता चला कि महिला को हृदय रोग भी है। रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों ने उसे रिजेक्ट कर दिया। उसके बाद भी वह 6 दिनों से अस्पताल का चक्कर लगा रही हैं। उन्होंने डॉक्टरों से कहा, "एक सर्टिफिकेट बना दो अगर हम यात्रा में मर जाते हैं तो भी कोई परवाह नहीं। 
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