सूरत : अंग्रेजी माध्यम को बढ़ावा देने में गुजराती माध्यम के साथ अन्याय

सूरत : अंग्रेजी माध्यम को बढ़ावा देने में गुजराती माध्यम के साथ अन्याय

स्कूल नंबर 11 में अचानक मॉर्निंग शिफ्ट की घोषणा का सर्कुलर जारी किया गया, दोपहर की शिफ्ट के अभ्यस्त होने से अभिभावक, छात्र और शिक्षक नाराज

शिक्षा समिति ने अम्बानगर में गुजराती माध्यम स्कूल की अचानक सुबह की शिफ्ट की घोषणा की
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के एक स्कूल में दोपहर की पाली को सुबह की पाली में बिना माता-पिता, छात्रों या शिक्षकों को पहले से सूचित किए या उन्हें विश्वास में लिए बैगर अचानक सर्कुलर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। समिति के इस फैसले से छात्रों और अभिभावकों में असंतोष का माहौल है। अचानक लिए गए फैसले ने अटकलों को हवा दे दी है कि इसका छात्रों की उपस्थिति और शिक्षा पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। शिकायत है कि शिक्षा समिति अंग्रेजी माध्यम को प्राथमिकता देकर गुजराती माध्यम के साथ अन्याय कर रही है। सूरत नगर निगम द्वारा संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति का स्कूल विवादित फैसले लेने का आदी है। ऐसे समय में जब शिक्षा के स्तर में बमुश्किल सुधार हो रहा है, शिक्षा समिति ने एक बार फिर स्कूल को स्कूल नं. इससे अभिभावक व छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक भी परेशान हैं।
अंबानगर में स्कूल क्रमांक 11 में दोपहर की पाली में गुजराती माध्यम चल रहा है जबकि सुबह की पाली में स्कूल क्रमांक 12 में उड़िया माध्यम चलाया जा रहा है ताकि बच्चे और अभिभावक अपनी सुविधानुसार इस तरह से इसके आदी हो जाएं. तथ्य यह है कि अंग्रेजी माध्यम शुरू होने जा रहा है, स्कूल नंबर 11 को अचानक परिचालित किया गया है और यह सूचित किया गया है कि नए सत्र जून 2022 से, गुजराती माध्यम भी सुबह की पाली में चलेगा।
समिति के इस सर्कुलर के चलते सुबह की पाली में गुजराती उड़िया और अंग्रेजी माध्यम के 3 स्कूल एक साथ कराए जाएंगे जिससे छात्रों और अभिभावकों की परेशानी बढ़ेगी। कमेटी के सर्कुलर का इंतजार करते हुए स्कूल नंबर 11 में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों में खासा आक्रोश है। उसके बच्चे सालों से दोपहर की पाली में पढ़ रहे हैं और उसकी नौकरी का कार्यक्रम भी समायोजित कर दिया गया है। समिति द्वारा अचानक की गई सुबह की शिफ्ट छात्रों की शिक्षा के साथ-साथ माता-पिता के कार्यक्रम को भी बाधित कर सकती है। यह भी आरोप लगाया गया है कि शिक्षा समिति अंग्रेजी माध्यम को बढ़ावा देने में गुजरातियों की मातृभाषा के साथ अन्याय कर रही है, जिससे आने वाले दिनों में विवाद बढ़ने की संभावना है।
शहर की प्राथमिक शिक्षा समिति की ओर से अचानक जारी सर्कुलर से स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक आक्रोशित हैं। वे अपना गुस्सा स्कूल शिक्षकों के पास जाकर लंच पर शिफ्ट कर रहे हैं। लेकिन चूंकि शिक्षकों का समिति से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए वे कोई प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते। ऐसे में यदि सर्कुलर वापस नहीं लिया जाता है और सुबह की शिफ्ट की जाती है, तो छात्रों की संख्या कम हो सकती है और शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
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