
सूरत के सिविल अस्पताल के ह्यूमन मिल्क बैंक में कार्यरत इस नर्स की ये सेवा भावना किसी से कम नहीं, बिन मां के शिशुओं को दिन में दो बार कराती है ब्रेस्ट फीडिंग!
By Loktej
On
हर दिन 80 किलोमीटर की यात्रा कर पहुँचती है सिविल अस्पताल, 12 घंटे तक घर से दूर रहने के कारण नहीं पीला पाती अपने 5 महीने के बालक को दूध
आज विश्व महिला दिन है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में जानकर आपको भी गर्व महसूस होगा। जहां एक और आए दिन कई महिलाओं द्वारा अपने मासूम बच्चों को सड़क पर छोड़कर चले जाने के मामले सामने आते रहते है। ऐसे में यह महिला बिन माँ के बच्चों को अपना दूध पिलाकर अपने मातृत्व का दान कर रही है।
सूरत की सिविल अस्पताल में काम करने वाली 31 वर्षीय नर्स निधि गुर्जर अपनी ड्यूटी के दौरान अपनी सेवा तो देती ही है। हालांकि इसके अलावा भी वह अपने मातृत्व का दान अस्पताल के बिन माँ के बच्चों के ऊपर कर के उन्हें भी एक नया जीवन प्रदान कर रही है। एक माँ होने के नाते माँ के दूध का महत्व उनसे अधिक कोई नहीं समझ सकता। ऐसे में वह समय से पहले जन्में बच्चे या ऐसे बच्चे जिनकी माता नहीं है, उन्हें अपना दूध पिलाती है।
निधि बेन खुद एक पाँच महीने के बच्चे की माँ है, हालांकि वह अधिकतर समय काम पर होती है। ऐसे में उनका दूध उनके बालक के काम नहीं आता है। निधि बेन के ससुराल वाले भी उनका इस काम में सहयोग करते है। निधि बेन का कहना है कि वह सुबह 5:30 कि ट्रेन से अंकलेश्वर से सूरत आते है और शाम को चार बजे वापिस जाते है। ऐसे में पूरे दिन उनका बालक उनके साथ नहीं रहता। ऐसे में उन्होंने अन्य बालकों को उनका दूध देने का विचार किया। जिसके चलते वह ह्यूमन मिल्क बैंक में पिछले दो महीने से उनका दूध डोनेट करना शुरू किया है। निधि बेन सुबह शाम दो बार अपना दूध ह्यूमन मिल्क बैंक को डोनेट कर बालकों के स्वास्थ्य के लिए अपना योगदान बिलकुल एक दाई माँ बनकर दे रही है।
बता दें कि निधि बेन हर दिन 80 किलोमीटर कि यात्रा कर के अस्पताल आते है। पिछले नवंबर महीने में ही उनका सूरत में ट्रांसफर हुआ था। शादी के सात साल बाद उनके यहाँ पुत्र हुआ था। हालांकि दिन भर में वह अस्पताल में रहती है, जिसके चलते वह अपने पुत्र को अपना दूध नहीं पीला पाती है। हालांकि इस तरह से अन्य बालकों को अपना दूध डोनेट कर वह कई बच्चों के लिए वरदानरूप साबित हो रही है।
Tags: Gujarat