सूरत : सिविल के किडनी अस्पताल का बेसमेंट बना झील, 1 फीट तक भरा पानी, रखरखाव को लेकर हुआ विवाद

सूरत : सिविल के किडनी अस्पताल का बेसमेंट बना झील, 1 फीट तक भरा पानी, रखरखाव को लेकर हुआ विवाद

सूरत सिविल अस्पताल परिसर में नवनिर्मित किडनी अस्पताल का बेसमेंट रखरखाव के अभाव से झील में तब्दील हो गया

बेसमेंट में रुके हुए पानी के निस्तारण के लिए कोई सिस्टम नहीं लगाया 
सूरत सिविल अस्पताल परिसर में किडनी अस्पताल का बेसमेंट रखरखाव के अभाव से झील में तब्दील कर दिया गया है।  बताया जा रहा है कि  करीब 1 फीट पानी भरा था। हालांकि पानी कहां से आया और कब से भरा है, इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है। कर्मचारियों का कहना है कि इस बात से कोई इंकार नहीं है कि 9 मंजिला किडनी अस्पताल की सीढ़ियों पर पानी की टंकी ओवरफ्लो हो गई थी और पानी बेसमेंट या बारिश के पानी में जमा हो गया था। 
सूरत समेत दक्षिण गुजरात के गरीब मजदूर वर्ग का इलाज करने वाले सिविल अस्पताल परिसर में किडनी अस्पताल अब कोविड-19 के पॉजिटिव मरीजों के बाद इमरजेंसी समेत दवा और सर्जरी के मरीजों के लिए खुला है।  9 मंजिला इस बिल्डिंग में फिलहाल हर तरह की सुविधा है। तो दुसरी ओर बेसमेंट में 1 फीट पानी जमा हो गया है जहा रखरखाव को लेकर विवाद है। हैरानी की बात यह है कि इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन या पीआईयू समेत किसी को नहीं है। 
किडनी अस्पताल के बेसमेंट को पानी में डूबते देख रहे छोटे स्टाफ सदस्यों ने कहा कि अस्पताल की इमारत में कई जगहों पर रिसाव हुआ है ऐसे में पानी लगातार बह रहा है। दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि जैसे ही पानी की टंकी ओवरफ्लो हो जाती है वैसे ही तहखाने में भी पानी भर जाता है। तीसरा कारण यह है कि बारिश का पानी भी भरा हो सकता है। लेकिन बेसमेंट में रुके हुए पानी के निपटान के लिए कोई सिस्टम नहीं लगाया गया है। इसी तरह सरकारी विभागों और उनके भवनों का निर्माण किया जाता है? हालांकि इसे चेतावनी की घंटी कहा जा सकता है।

Tags: