तीन बार ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी हार नहीं मानी, सूरत की इस महिला की प्रेरक कहानी

तीन बार ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी हार नहीं मानी, सूरत की इस महिला की प्रेरक कहानी

आज वर्ल्ड कैंसर दिवस है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे है, जिसने तीन बार स्तन कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और सभी लोगों को प्रेरणा दी। कई लोगों को मानना होता है कि कैंसर यानि कि कैंसल, पर ऐसे लोगों के लिए सूरत कि यह महिला एक मिसाल स्वरूप है।
एक वर्तमान पत्र से बात करते हुये महिला ने बताया कि उसे तीन बार स्तन कैंसर डायग्नोज हुआ था। इसके चलते उसने अपना पूरा स्तन ही निकलवा डाला। जिसके बाद आज वह एक सिंगल मधर बनकर खुद के पैरों पर खड़ी है और खेलकूद के क्षेत्र में अपना नाम आगे बढ़ाया है। 
सालों से रनिंग तथा अन्य प्रवृतियों में जुड़ी महिला को साल 2018 में पहली बार गांठ मालूम पड़ी, जिसे ऑपरेशन कर उन्होने निकलवा दिया। 6 महीने के बाद फिर से उन्हें गांठ निकली तो उन्होने फिर से उसे निकाला। हालांकि 2020 में जब तीसरी बार स्तन कैंसर हुआ तो डॉक्टर ने उन्हें स्तन निकाल देने कि सलाह दी। यह समय उनके लिए काफी मुश्किल था। हालांकि परिवार के सदस्यों ने उन्हें काफी सपोर्ट किया। 
सर्जरी के बाद उनकी सर्जरी हुई और उसे इस दौरान पच्चीस बार रेडियेशन मिला। ऑपरेशन के 6 महीने के बाद उन्होने फिर से वर्कआउट शुरू किया। तीन महीने पहले ही उन्होने स्तन इंप्लांट करवा लिया। मात्र एक महीने पहले ही उन्होने फिर एक बार अपने कोच के मार्गदर्शन के तहत अपना गेम शुरू कर दिया। लोगों को सलाह देते हुये महिला का कहना है कि आज सायन्स काफी आगे बढ़ गया है। ऐसे में यदि स्तन निकालना पड़े तो उसमें डरना नहीं चाहिए, क्योंकि उसे फिर से इंप्लांट किया जा सकता है।
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