
सूरत : समय से पहले जन्मी दो बच्चियों को 28 दिनों के उपचार के बाद बचाया गया
By Loktej
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दोनों नवजात बच्चियों के फेफड़े बेहद कमजोर थे
दोनों लड़कियों का वजन 1200 और 1400 ग्राम से कम था
सूरत डायमंड अस्पताल में कोरोनाग्रस्त जुड़वाँ बच्चियों का "आयुष्मान भारत" योजना के तहत मुफ्त इलाज के साथ नवजीवन प्रदान किया गया है। डॉक्टरों ने कहा कि वे खुश हैं कि उनकी टीम 28 दिनों के मैराथन उपचार के बाद दो लड़कियों को बचाने में सफल रही है। दोनों नवजात बच्च्यिां कम वजन के साथ समय से पहले जन्म लेने के बाद कमजोर फेपड़े के साथ उपचार के लिए लाया गया था।
सूरत डायमंड एसोसिएशन स्वास्थ्य समिति द्वारा संचालित मातृश्री रमुबा तेजानी और मातृश्री शांताबा विडीया अस्पताल" (डायमंड अस्पताल) में जुड़वाँ लड़कियों को 11/1/2021 को अन्य अस्पतालों से आगे के इलाज के लिए लाया गया था। जहां दोनों लड़कियों को "आयुष्मान भारत" (एबी-पीएमजेएवाई) योजना के तहत अस्पताल के पूर्णकालिक बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अप्लेश सिंघवी और डॉ मिनेश भिकड़िया के इलाज के तहत एनआईसीयू (ग्लास बॉक्स) में भर्ती कराया गया। दोनों लड़कियों का वजन 1200 और 1400 ग्राम के कम था।
समय से पहले जन्मी दोनों बच्चियों के फेफड़े बहुत कमजोर थे। आगे की जांच में दोनों बच्चियों में कोरोना होने का पता चला। अस्पताल में सी-पीएपी मशीन व अन्य जरूरी उपकरणों से इलाज शुरू किया गया। 28 दिनों तक चले मैराथन उपचार के अंत में दोनों बच्चियों के स्वस्थ होने की सूचना मिली। डॉक्टर और नर्स दोनों बच्चियों को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दिया।
"आयुष्मान भारत" योजना के तहत डायमंड अस्पताल के एनआईसीयू (ग्लास बॉक्स) में दोनों लड़कियों का मुफ्त इलाज किया गया।
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