
सूरत : जनजागृति फैलाने मरीज के भेस में साइकल पर निकले थे सज्जन, आठ साल की कानूनी मशक्कत के बाद अब छूटे!
By Loktej
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कहते है की कभी-कभी भलाई करना भी लोगों के लिए तकलीफ का सबब बन जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ था इस बुजुर्ग सज्जन के साथ, जो की आठ साल पहले वेसु वीआईपी रोड पर एक छोटी सी स्पोर्ट सायकल पर बोतल तथा शरीर पर पट्टीयां लगाकर निकले थे। सज्जन का आशय तो लोगों में जनजागृति फैलाने का था, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ कर उनके खिलाफ ठगी का केस दर्ज कर दिया था।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, सलाबतपूरा इलाके में रहने वाले 68 वर्षीय दिनेशचंद्र नटवरलाल मशरुवाला 23 फरवरी 2014 को मरीज का वेश धारण कर सड़क पर निकले थे। सज्जन ने जो वेषभूषा धारण की थी, उसमें उनके हाथ पर विभिन्न स्थान पर लाल रंग छाँट कर भी उन्होंने मरीज के वेश को और भी अधिक टच दिया था। जिसके चलते पुलिस वाले भी उसे मरीज मान बैठे थे। हालांकि जब उन्हें यह पता चला की वह मरीज नहीं है तो पुलिस द्वारा उन्हें लोगों को झांसा देने के आरोप में बंद कर दिया गया था।
हालांकि दिनेशभाई लगातार उनके बेकसूर होने की बात किए जा रहे थे और खुद को बाइज्जत बारी करने की मांग कर रहे थे। कोर्ट में चल रही इस केस की सुनवाई में कोर्ट ने भी इन मांगो को स्वीकार करते हुये बताया कि कथित आरोपी ने किसी के साथ कोई ठगी नहीं कि है और ना ही उसने अपने उस कृत्य से लोगों से आर्थिक लाभ प्राप्त किया है। उसका उद्देश सिर्फ मात्र लोगों में एक्सीडेंट से बचने के लिए लोगों में जनजागृति लाना था। ऐसे में कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बारी किया था।
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