सूरत : कोरोना से मृतकों के परिजनों को चार लाख की सहायता के लिए दिया ज्ञापन

सूरत : कोरोना से मृतकों के परिजनों को चार लाख की सहायता के लिए दिया ज्ञापन

सूरत जिला कांग्रेस ने ओलपाड मामलतदार को ज्ञापन देकर कोरोना से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहाय की मांग कि

 आपदा और राहत कार्य के दौरान मृतकों के परिजनों को 4 लाख की सहायता दी जाती है
सूरत जिले के ओलपाड तालुका कांग्रेस कमेटी द्वारा कोविड-19 वायरस महामारी के दौरान सरकार की आपराधिक लापरवाही की जांच के लिए  मामलातदार ओलपाड को एक आवेदन प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर सहकारी और किसान नेता दर्शनभाई नायक, ओलपाड तालुका कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जयेंद्र भाई देसाई, डीएल पटेल, धर्मेशभाई पटेल, मुनीरभाई, भरतभाई पटेल, मोहम्मद अली गरासिया, रजनीकांतभाई कपाड़िया और बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
कोविड -19 महामारी  को रोकने के लिए तत्काल और गंभीर कार्रवाई करने के लिए सरकार मजबूर हुई है। दैनिक आय पर निर्भर रहने वाले गरीब लोगों की संख्या गुजरात में इतनी बड़ी है कि हम सभी आर्थिक गतिविधियों को रोक नहीं सकते हैं। सूरत जिला पंचायत के पूर्व सदस्य दर्शन नायक की अगुवाई में प्रतिनिधि ‌मंडल ने एनडीआरएफ के अधिकारी को ज्ञापन देकर कोरोना से मृतक के परिजनों को चार लाख की सहायता देने की मांग हैष 
कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट में गुजरात सरकार और प्रशासन के द्वारा लापरवाही के कारण कोरोना के कठिन दौर में अस्पतालों में बेड, दवाओं, इजेक्शन, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी के कारण गुजरात के 3 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई। निजी अस्पताल में महंगे इलाज में लाखों रुपये की लूट चलायी गयी। साधारण और मध्यम वर्ग के परिवारों को आर्थिक बर्बादी का सामना करना पड़ा। जानवरों और मनुष्यों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे के एक समान मानदंड की घोषणा करके भाजपा सरकार एक असंवेदनशील सरकार साबित हुई है। इंसानों ने मृतकों के परिवारों के साथ क्रूर मजाक भी किया है। एक तरफ सरकार ने मरने वालों की संख्या छिपाने का खेल खेला है। शासकीय पुस्तक में दर्ज है मृतकों की सूची गजट के माध्यम से प्रकाशित नहीं करता है। मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच और मृत्यु प्रमाण पत्र में संशोधन के लिए प्रति जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त नहीं किया जाता है। मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कारण एक और बीमारी लिखकर मरने वालों की संख्या छिपाना है।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कोरोना महामारी में मरने वालों और महंगे इलाज के कारण आर्थिक रूप से बर्बाद हुए लोगों के परिवारों की मदद करने के उद्देश्य से राज्य भर में कोविड-19 न्याय यात्रा का आयोजन किया है। न्याय यात्रा का उद्देश्य ऑनलाइन वर्चुअल मेमोरियल के साथ-साथ हमारे कोविड-19 न्याय पत्र की चार मांगों के पीड़ितों का विवरण अपलोड कर महामारी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देना है। (1) कोविड-19 से मरने वाले प्रत्येक मृतक के लिए 4 लाख रुपये का मुआवजा (2) कोविड से पीड़ित सभी रोगियों के सभी चिकित्सा बिलों का भुगतान। (3) सरकारी तंत्र की घोर विफलता की न्यायिक जांच (4) कायरता से मरने वाले सरकारी कर्मचारियों के बच्चों/परिवारों को स्थायी नौकरी जैसी मांगों के माध्यम से कोरो महामारी से प्रभावित लोगों द्वारा मदद की जानी है।  
गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम 2003 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अनुसार कुदरती आपदा और राहत सहाय के लिए 4 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है। लेकिन बुलेट ट्रेन, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, कारोबारियों की कर्जमाफी, हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर की खरीद पर करोड़ों रुपये बर्बाद हुए हैं। गुजरात कांग्रेस कार्यकर्ता कोरोना से मृतक परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए कोने-कोने का दौरा कर रहे हैं। कोरोना से मृतक के परिवार की ओर से कांग्रेस पार्टी ने मांग की है  कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत रु. चार लाख की सहायता सरकार की ओर से भुगतान करनी चाहिए। 
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