सूरत : बैंकों निजीकरण के विरोध में 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल, वित्तीय कामकाज होगा ठप्प

सूरत : बैंकों निजीकरण के विरोध में 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल, वित्तीय कामकाज होगा ठप्प

गुजरात सहित देश के सभी कर्मचारी-अधिकारी होंगे शामिल

केंद्र सरकार द्वारा सरकारी बैंकों के निजीकरण का दौर शुरू किया गया है। इसके तहत प्रथम चरण में दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा। इसके विरोध में सभी बैंकिंग यूनियनों ने 16 और 17 दिसंबर दो दिन के हड़ताल पर उतरने का ऐलान किया है। इस हड़ताल में सभी कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे। दो दिवसीय हड़ताल के कारण 20 हजार करोड़ का ट्रांसजेक्शन पर असर होगा।
पिछले कई दिनों से बैंकिंग यूनियन शांत बैठने केबाद अब हड़ताल और आंदोलन शुरू किया है। केंद्र सरकार द्वारा दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करने का निर्णय लिया गया है। जिसके खिलाफ पहले से ही विरोध हो रहा है। लेकिन देशभर के सभी कर्मचारी और अधिकारियों के यूनियनों ने 16 और 17 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। इसमें सभी नेशनलाइज्ड बैंक कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे। नेशनलाइज बैंक के देश में 16. 5 कर्मचारी और 3 लाख अधिकारी है। वह भ्ी हड़ताल में शामिल होंगे।
वहीं गुजरात में नेशनलाइज्ड बैंकों की 4,800 ब्रांच दो दिन बंद रहेगी। 70 हजार कर्मचारी और अधिकारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। संसद में शीत सत्र में बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में संशोधन करने की सरकार योजना बना रही होने का आरोप महागुजरात बैंक एम्प्लॉइस एसोसिएशन ने लगाया है।
सूरत के 350 से ज्यादा ब्रांच के 7 हजार कर्मचारी-अधिकारी जुडेंगे
गुजरात बैंक वक्र्स गुजरात यूनियन के मुताबिक 16 और 17 दिसंबर को होने वाली हड़ताल में 11 नेशनलाइज्ड बैंकों की 350 से ज्यादा ब्रांच इस हड़ताल में जुड़ेंगी। इसमें सूरत सहित दक्षिण गुजरात के करीबन 7 हजार कर्मचारी और अधिकारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। एक दिन में करीबन सूरत में 700-800 करोड़ का व्यवहार होता है। दो दिन बैंक बंद रहने के कारण 2 हजार करोड़ के व्यवहार पर असर पड़ेगा।

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