महंगाई का असर शादियों पर भी पड़ा, शादियों में अब चनिया चोली और शेरवानी किराये से लेने का ट्रेन्ड

अपने बजट में अच्छे कपड़े मिलने से फिजुल खर्च बंद

शहर में शादियों का मौसम शुरू हो गया है। पिछले साल कोरोना के कारण बहुत कम शादियों हो पाई थी। कुछ लोगों ने तो शादिया स्थगित रखी थी। अब देशभर में कोरोना संक्रमण घटने के कारण शहर में शादियों की तैयारियां जोरों पर है। पिछले कुछ समय से शहर में शादियों में चनिया चोली, शूट और शेरवानी किराये से लेने का ट्रेंड चला है। इसके कारण अब लोग तैयार चनिया चोली लेना टालते है। क्योंकि लोगों को  अपने बजट में अच्छे चणिया चोली और शूट किराये से मिल जाते है।
कुछ साल पहले शादी तय होने के बाद लडक़ा- लडक़ी शादी के दिन क्या पहनेंगे इसकी तैयारी लग जाते थे। दर्जी को शेरवानी और चनिया चोली सिलाने के लिए दे देते थे और कोई फेमिली या दोस्तों के साथ जाकर शॉपिंग करते थे। समय बीतने के साथ-साथ ट्रेंड भी बदलता गया और जो शेरवानी छह माह पहले सिलाई जाती थी अब वह सिलाई करने के बजाय लोग किराये पर लेना पसंद कर रहे है।
दुल्हन की चनिया चोली भी 2 हजार से लेकर 1500 रूपये किराये से मिलती है। शेरवानी किराये से देने वाले महेशभाई ने बताया कि कुछ समय से शादी में कपड़ों का ट्रेंड बदला है। मेरे यहां पर तैयार कपड़े मिलते है और मैं किराये से भी कपड़े देता हूं। क्योंकि अब कपड़ा सिलाई करने या तैयार लेने के बजाय किराये से लेना पसंद करते है। जिसके कारण अभी शादी के सीजन दौरान किराये से कपड़ा देने वालों का अच्छा धंधा शुरू है।
कपड़े किराये से लेने के मुख्य कारणों में एक तो कपड़े बजट में आ जाते है। लोगों को पसंदीदा अलग-अलग ऑप्शन है। साथ ही मेचिंग मोजडी और पगड़ी भी मिलती है। 4 हजार से 15 हजार तक की शेरवानी किराये पर मिलती है और इसका किराया दिन के मुताबिक होता है। 
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