सूरत : केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-3 ओएनजीसी सूरत में राष्ट्रीय गणित दिवस का हुआ भव्य आयोजन
रामानुजन जयंती पर विद्यार्थियों ने नृत्य, अभिनय और मॉडलों के माध्यम से गणित को बनाया रोचक
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-3, ओएनजीसी, सूरत में 22 दिसंबर 2025 को महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय गणित दिवस का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि जागृत करना तथा इसे रचनात्मक, सरल और रोचक रूप में प्रस्तुत करना रहा।
कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन कक्षा 11 की छात्राओं समादा और देवांशी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत कक्षा 8 की छात्रा मौली के प्रेरणादायी भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने श्रीनिवास रामानुजन के जीवन, संघर्ष और गणित के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात कक्षा 8 के छात्र नीव पटेल ने रामानुजन के रूप में प्रभावशाली अभिनय करते हुए रामानुजन वेशभूषा में प्रस्तुति दी, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य रहा, जिसमें हाथों की लयबद्ध गतियों के माध्यम से विभिन्न आकृतियाँ और गणितीय चिन्ह बनाए गए। इसी क्रम में कक्षा 9 की छात्राएँ विधि और साची ने भरतनाट्यम शैली में विभिन्न कोणों को दर्शाता नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें छात्राएँ भाव्या और अध्या ने सहयोग किया। इस प्रस्तुति ने गणित और कला के सुंदर समन्वय को दर्शाया।

इसके अतिरिक्त कक्षा 9 की छात्रा काव्या शर्मा और छात्र दिव्यांजय सिंह ने क्षेत्रफल एवं आयतन को समझाने के लिए विभिन्न ठोस आकृतियों के मॉडल प्रस्तुत किए, जिससे जटिल विषय को सरल और व्यावहारिक रूप में समझाया गया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार ने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय गणित दिवस की शुभकामनाएँ दीं और आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से गणित में निरंतर प्रयोग करते रहने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें गणित से डरने के बजाय उसे समझने और सीखने का संकल्प लेना चाहिए। निरंतर अभ्यास, धैर्य और सकारात्मक सोच से गणित को सरल बनाया जा सकता है।
यह कार्यक्रम हेमेंद्र सिंह, पीजीटी गणित के प्रभारीत्व में तथा सुश्री किंजल गोहिल, टीजीटी गणित के निर्देशन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम ने विद्यार्थियों में गणित के प्रति उत्साह, जिज्ञासा और रचनात्मक सोच को नई दिशा प्रदान की।
