सूरत : ग्यारह वर्ष पूराने मामले में बलात्कार मामलों की विशेष अदालत ने सुनाई सजा

सूरत : ग्यारह वर्ष पूराने मामले में बलात्कार मामलों की विशेष अदालत ने सुनाई सजा

विवाहिता से दुष्कर्म करने वाले को 14 साल के कठोर कारावास की सजा

 विवाहिता से बलात्कार करने के एक ग्यारह वर्ष पूराने मामले बलात्कार मामलों की विशेष अदालत ने आरोपित युवक को दोषी करार देते हुए 14 साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। सेशंस कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी को सख्त दंड की सजा करना चाहिए, ताकि दूसरे आरोपी ऐसे गंभीर अपराध को अंजाम देने से डरे। 
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डिंडोली-खरवासा रोड की भक्ति रेसीडेंसी निवासी आरोपी बिरेन्द्र रामसागर मिश्रा के खिलाफ कापोद्रा थाने में विवाहिता ने बलात्कार की शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोप के मुताबिक 6 मई, 2010 की रात विवाहिता घर में अकेली सो रही थी। जेठ और सास घर के बाहर सो रहे थे तो पति रिश्तेदार को रेलवे स्टेशन छोडऩे गया था, तभी रात दो बजे आरोपी दरवाजा खोलकर घर में घुस गया और विवाहिता का मुंह दबाकर उससे साथ बलात्कार किया और फरार हो गया था। विवाहिता के बयान के आधार पर कापोद्रा पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और उसके खिलाफ कोर्ट में आइपीसी की धारा 376, 452 के तहत कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। मामले की सुनवाई बलात्कार मामलों की विशेष अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोकअभियोजक राजेश डोबरिया आरोपों को साबित करने में सफल रहे। सोमवार को अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी बिरेन्द्र रामसागर मिश्रा को दोषी मानते हुए आइपीसी की धारा 376 के तहत 14 साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपए अर्थदंड तथा दंड नहीं भरने पर एक साल की अतिरिक्त कैद की सजा और धारा 452 के तहत तीन साल की कैद और पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी ने महिला के साथ जबरन दुष्कर्म किया था। इस केस को साबित करने में शिकायतकर्ता पक्ष सफल रहा। इसके अलावा मेडिकल प्रमाण से भी शिकायत कर्ता को समर्थन मिला है और आरोपी के खिलाफ अपराध साबित हुआ है। 

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