इंदौर सेक्स रैकेट का मास्टरमाइंड सूरत से पकड़ा गया, बांग्लादेशी लड़कियों को वेश्यावृत्ति में धकेलता था

पिछले एक साल से फरार चल रहे आरोपी को सूरत शहर एसओजी ने किया गिरफ्तार

बांग्लादेशी लड़कियों की भारत में तस्करी  करता था और ट्रेन से विभिन्न राज्यों में भेजता था
मध्य प्रदेश के इंदौर में बांग्लादेशी लड़कियों की मानव तस्करी के अपराध में पिछले एक साल से फरार चल रहे आरोपी को सूरत शहर एसओजी ने पकड़ लिया।  आरोपी मुनीर उर्फ ​​मिरुल पालेक गाजी वारत इंदौर में सेक्स रैकेट का मास्टरमाइंड था। जो बांग्लादेशी लड़कियों को देह व्यापार में धकेल रहा था।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के विजयनगर, लसूडिया और एमआईजी थानों में 2020 में अपहरण और मानव तस्करी से जुड़े अपराध दर्ज किए गए थे। पुलिस कुल 17 लड़कियों को मुक्त कराया था। इंदौर पुलिस ने अपराध की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। टीम की ओर से आरोपित को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा था। इस तथ्य के आधार पर कि आरोपी रिफ्तारी से बचने के लिए सूरत में रह रहा था। इस जानकारी के आधार पर इन्दौर पुलिस ने सूरत एसओजी की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
बांग्लादेश से तस्करी के इरादे से कुछ लड़कियों को इंदौर के महालक्ष्मीनगर इलाके के मोहित होटल के एक कमरे में बंधक बना लिया गया था। मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस छापा मारकर 8 लड़कियों को मुक्त कराया था।  बाद में जांच में सूरत के रहने वाले एक आरोपी का नाम सामने आया, जिससे  इंदौर पुलिस के पास आरोपी का केवल एक अधूरा नाम और संक्षिप्त पता था। जिससे इंदौर पुलिस द्वारा आरोपी की तलाश की जा रही है लेकिन आरोपी नहीं मिला। इंदौर के विशेष जांच दल से वांछित आरोपियों के बारे में सभी आवश्यक जानकारी एकत्र करने के लिए एसओजी की अलग-अलग टीमों का गठन किया गया और मानव स्रोतों और तकनीकी निगरानी की मदद से इस दिशा में प्रयास किए गए।
सूचना के आधार पर लिंबायत स्थित श्रीनाथ सोसायटी के पास से आरोपी मुनीर उर्फ ​​मिरुल पालेक  गाजी वारत को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के दलालों की मदद से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के परिवार की  नाबालिग लड़कियों और उसके परिवार को पैसे का लालच देकर येन-केन तरीके से वेश्यावृत्ति के लिए तैयार कर लेते था।  कम उम्र की लड़कियों को भारत में तस्करी कर लाया जाता है और ट्रेन से विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है। ऐसे दलालों से मिलकर आरोपी ने तस्करी कर आई गई लड़कियों को अलग-अलग शहरों में वेश्यावृत्ति के लिए भेजता था।  
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