
सूरत : सरकार से सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद अहमदाबाद-सूरत के डॉक्टर कोविड व आपात सेवा में जुड़ेंगे
By Loktej
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सशर्त निपटारे के लिए तैयार डॉक्टर, लिखित गारंटी तक जारी रहेगी हड़ताल
मंगलवार की रात बीजे मेडिकल कॉलेज के प्रधानाध्यापक व सिविल अधीक्षक के साथ बैठक की गई
राज्य भर के जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा और जामनगर सहित शहरों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। हालांकि सरकार ने रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। हड़ताल पर चर्चा के लिए सरकार ने डॉक्टरों से संपर्क किया है। मंगलवार की रात बीजे मेडिकल कॉलेज के प्रधानाध्यापक व सिविल अधीक्षक के साथ बैठक की गयी। यहां तक कि सूरत के 30 फीसदी जूनियर डॉक्टरों ने भी आपातकालीन सेवा में फिर से शामिल होने का फैसला किया है।
सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने के लिए अहमदाबाद में बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है। बीजे मेडिकल कॉलेज के प्रमुख और सिविल अधीक्षक ने डॉक्टरों को आश्वासन देने पर रेजिडेंट डॉक्टर अब कोविड और आपातकालीन सेवा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से लिखित गारंटी मिलने तक वे हड़ताल जारी रखेंगे।
आज से कोविड और आपातकालीन सेवाओं में जूनियर डॉक्टर इलाज के लिए लौटेंगे। हड़ताल पर बैठे एक डॉक्टर ने कहा, "सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।" हालांकि जूनियर डॉक्टरों का विरोध और मांग जस की तस बनी रहेगी। जब तक स्वास्थ्य विभाग लिखित गारंटी नहीं देता तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
सूरत में 30 फीसदी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे आपातकालीन सेवाएं
जेडीए, सदस्य डॉ. तन्वी ने कहा, ''हमारी हड़ताल का आज नौवां दिन है। हमें उम्मीद है कि सरकार हमारे सवालों का सकारात्मक जवाब देगी।'' हम गरीब कामकाजी लोगों के स्वास्थ्य हित में जेडीए के माध्यम से एक आपातकालीन उपचार सेवा शुरू कर रहे हैं। जिसमें 30 प्रतिशत डॉक्टर हड़ताल के साथ आपातकालीन सेवा प्रदान करेंगे।
गौरतलब है कि अहमदाबाद समेत राज्य भर के करीब 2000 रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टर की हड़ताल से कई मरीजों को परेशानी हो रही है। फिर सोमवार को डॉक्टर पीजी डीन के पास अपना सम्मान पत्र लौटाने पहुंचे। दूसरी ओर, सरकार डॉक्टरों की कुछ मांगों को अनुचित बता रही है, लेकिन तर्कसंगत रूप से बात करने की अपनी इच्छा का संकेत दे रही है।
स्वास्थ्य आयुक्त ने स्नातकोत्तर अध्ययन की अवधि 3 महीने बढ़ा दी है, एमडी, एमएस और डिप्लोमा डॉक्टर के बैचों की अवधि 3 महीने बढ़ा दी है, और एक परिपत्र जारी कर कहा है कि बांड की अवधि 1.2 है यानी 1 महीने की ड्यूटी 2 महीने है। लेकिन अब सरकार अपने वादे से मुकर गई है। कमिश्नर के पास जाने को लेकर निकाले जा रहे जूनियर डॉक्टरों में नाराजगी है।
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