सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत घटाने की पेशकश की

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत घटाने  की पेशकश की

कोरोना अवधि के दौरान यात्री सहायता के लिए प्रवेश बंद होने के बाद टिकट दरों में वृद्धि की गई थी

कोरोना के संक्रमण के कारण गैर-यात्रियों की भीड़ से बचने के लिए रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट बंद कर दिए गए थे। जिसे शुरु कर दिया गया है। हालांकि, सूरत जैसे रेलवे स्टेशनों पर यात्री सहायता के लिए प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है। इसलिए चैंबर ऑफ कॉमर्स ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश के गृहनगर में प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत में कमी की मांग की है।
पता चला है कि कीमत इसलिए बढ़ाई गई है ताकि कोरोना से प्लेटफॉर्म पर ज्यादा भीड़ न हो और जिन्हें वाकई इसकी जरूरत है वे ही यात्री को प्लेटफॉर्म पर बिठाने जाएं।  इस फैसले से जिस यात्री को वास्तव में एक सहायक (वरिष्ठ नागरिक, महिला, बच्चे, विकलांग, बीमार व्यक्ति) की जरूरत है, वह प्लेटफॉर्म टिकट खरीदने के लिए सहायक को अपने साथ बुला सकेगा। यह जानकारी मुंबई के वरिष्ठ डीसीएम राकेश शाह को दी गई।  फिर सूरत और सभी स्टेशनों पर नियंत्रण से संदेश भेजे गए।
चैंबर के प्रमुख दिनेशभाई नावडिया  ने कहा कि प्लेटफॉर्म टिकट के दाम में यह बढ़ोतरी किसी भी हाल में नहीं चलाई जाएगी। अहमदाबाद और वडोदरा समेत अन्य स्टेशनों पर अगर 30 रुपये है तो सूरत में 50 रुपये क्यों रखे। इस संबंध में राकेश शाह ने तुरंत डीआरएम से संपर्क किया और कीमत में तत्काल कमी की मांग की।
सूरत रेलवे स्टेशन सिटीजन डेवलपमेन्ट फोरम के संजय जैन ने कहा कि 50 रुपये प्रति प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत किसी भी हाल में नहीं ली जानी चाहिए। सूरत रेलवे स्टेशन पर लूटपाट के सिवा सही तरह से कोई काम नहीं हो रहा है। चूंकि सूरत रेलवे स्टेशन पहली मंजिल पर स्थित है, कुली लूटते हैं, रेलवे आरक्षण  जग जाहिर है, लूट कैसे लूटी जाती है, दिखाई देता है। अहमदाबाद और वडोदरा रेलवे स्टेशनों में, कार, रिक्शा से यात्रियों को ड्राप के लिए अंदर ले जाया जा सकता है। सूरत में अभी कंपाउंड से बाहर उतार दिया जाता है। जिससे मानो कुलियों का जलसा हो जाता है और बारिश में यात्रियों को भींगना भी पड़ता है। सूरत रेलवे स्टेशन सिटीजन डेवलपमेन्ट फोरम फ्लेटफार्म टिकिट के भाव वृद्धि का कड़ा विरोध करता है। 
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