सूरतः वातावरण शुद्धि के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा 35 स्थानों पर हुआ यज्ञ

सूरतः वातावरण शुद्धि के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा  35 स्थानों पर हुआ यज्ञ

हिंदू शास्त्रों के अनुसार यज्ञ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शास्त्र सम्मत तरीके से किया गया यज्ञ

विश्व हिंदू परिषद द्वारा शहर में 35 स्थानों पर यज्ञों का आयोजन किया गया। कोरोना काल में असमय मृत्यु का सामना करने वालों की शांति और वातावरण की शुद्धि के लिए हवन किया गया। यज्ञ कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कुमार कानाणी भी  मौजूद थे।
सूरत शहर में कोरोना संक्रमण के दूसरे चरण में मौत का कहर देखा गया है। इससे सभी दुखी हैं। प्रशासन की ओर से जो भी प्रयास किए गए लेकिन मरने वालों की संख्या बहुत अधिक रही। आखिर हिंदू शास्त्रों के अनुसार एक तरह से सभी मृतकों की अकाल मृत्यु हो गई है। उनकी आत्मा की शांति के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा रविवार को यज्ञ का आयोजन किया गया है।
यज्ञ के महत्व को हिंदू शास्त्रों में दर्शाया गया है। यज्ञ में प्रयुक्त सामग्री वातावरण को शुद्ध करती है। कपूर की कचली, गाय का घी, जौ-तिल, कंठ आदि कई चीजों को मिलाकर यज्ञ किया जाता है। जिससे वातावरण शुद्ध होता है। विशेषकर कुछ सामग्रियों के डालने से वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ जाता है।  
विश्व हिंदू परिषद द्वारा 35 अलग-अलग स्थानों पर एक साथ यज्ञों का आयोजन किया गया। वराछा मिनी बाजार क्षेत्र में आयोजित हवन कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कुमार कनानी भी मौजूद थे। हिंदू शास्त्रों के अनुसार शास्त्रोक्त विविध विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ का आयोजन किया गया।  यज्ञ में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं  ने प्रार्थना की कि पूरी दुनिया को इस तरह की आपदा से मुक्त दें। साथ ही इससे मरने वालों की आत्मा को शांति प्रदान करे।
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