सूरत : निजी अस्पताल वालों को अब भी सिविल से रेमडीसीवीर पाने में दिक्कत

सूरत : निजी अस्पताल वालों को अब भी सिविल से रेमडीसीवीर पाने में दिक्कत

उल्टा झेल रहे मरीजों के परिजनों का गुस्सा

सूरत में कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण मेडिकल व्यवस्थाएं भी कम पड़ने लगी है। सरकार की ओर से रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन वह नाकाफी साबित हो रही है। जिला कलेक्टर की ओर से मरीज के परिवार जनों को रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए मंजूरी मिलने के बाद भी 60 हॉस्पिटलों को रेमेडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक नहीं दिया जा रहा। 
कलेक्टर ने ऑर्डर दिया लेकिन इंजेक्शन नहीं मिला
निजी हॉस्पिटल के कर्मचारियों को इस कारण बार-बार सिविल हॉस्पिटल का धक्का खाना पड़ रहा है। जिला कलेक्टर ने 8 तारीख से ही कामरेज के मांकना में देवांशी हॉस्पिटल के मरीज को 12 इंजेक्शन देने की मंजूरी दी है 9 तारीख को वराछा की गोपाल जनरल हॉस्पिटल में एक मरीज के लिए दो इंजेक्शन, अडाजण की साईं मेडिकल हॉस्पिटल में दाखिल मरीज को 4 इंजेक्शन की मंजूरी दी है।
नाराजगी झेल रहे निजी अस्पताल का स्टाफ
इसके पश्चात 9 तारीख को कलेक्टर ने सिविल और स्मीमेर में से निजी अस्पताल के मरीजों को इंजेक्शन नहीं मिलेगा ऐसी घोषणा की थी। इसके पहले जिन 60 हॉस्पिटलों को सिविल में से रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए मंजूरी मिली थी। उल्लेखनीय है कि निजी अस्तपाल के कर्मचारी तीन चार दिन से सिविल और स्मीमेर में धक्का खा रहे है लेकिन इंजेक्शन नहीं मिल रहा। दूसरी ओर मरीज के मरीज तथा उसके परिवारजनों की नाराजगी का सामना भी करना पड़ रहा है।
Tags: