सूरत : विवरों और कपड़ा व्यापारियों के बीच कारोबार की उधेड़बुन, ट्रांसपोर्ट चार्ज, दलाली पर माथापच्ची

सूरत : विवरों और कपड़ा व्यापारियों के बीच कारोबार की उधेड़बुन, ट्रांसपोर्ट चार्ज, दलाली पर माथापच्ची

व्यापारियों पर ट्रांसपोर्टेशन चार्ज का भारण डाला तो व्यापारियों ने विवर्स पर छोड़ी दलाली, दलालों द्वारा सौदा चिट्ठी नहीं मिलने की विवर्स की फरियाद

पिछले दिनों विवर्स ने यह तय किया था कि ग्रे डिलीवरी का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज व्यापारियों से वसूल किया जाएगा। इसके बाद अब यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। व्यापारियों ने ट्रांसपोर्टेशन चार्ज नहीं देने का फैसला किया है। इसके साथ ही व्यापारी अब दलालों को चुकाए जाने वाली 1 प्रतिशत दलाली भी विवर्स से दिलाना चाहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी आने के बाद व्यापारियों को पूरा बिल चुकाना पड़ रहा है। राउंड फिगर करके प्रत्येक बिल में 250 या 300 से जितनी कम रकम घटाने की जो प्रथा थी वह बंद हो गई है। 
कपड़ा दलालों की मीटिंग में लिया फैसला
अब व्यापारियों ने विवर्स को 1% दलाली के मुद्दे पर घेरना शुरू किया है। इसके पहले 5% डिस्काउंट के लिए जो नियम था उसमें 1% दलाली ब्रोकरेज व्यापारी चुकाते थे। इस शर्त पर माल दिया जाता था जो कि अब बंद कर दिया गया है। व्यापार में एक नियम है कि यदि कार्टेज खरीदार को ही चुकाना पड़ता हैं, लेकिन कपड़ा बाजार में बिल्कुल उल्टा है। वर्षों से यह नियम होने के कारण विवर इसे चला रहे हैं। अब से ग्रे का कार्टेज ट्रांसपोर्टेशन चार्ज व्यापारियों को चुकाना पड़ेगा। विवर्स की इस घोषणा के बाद से जंग छिड़ गई है। गत रोज कपड़ा बाजार के दलालों की मीटिंग हुई थी जिसमें निश्चित किया गया कि अब दलाली विवर से वसूल की जाएगी। 
पहले व्यापारी देते थे दलाली, उसमें भी कमी कर लेते थे
बताया जा रहा है कि व्यापारियों ने ब्रोकर्स के माध्यम से विवर्स को घेर लिया है। प्रति ताका या मीटर पर 25 पैसे या अधिक दलाली बचाने के लिए व्यापारी प्रयास कर रहे हैं। कपड़ा बाजार में व्यापारी से पहले दलाल 1% दलाली लेते थे। कई व्यापारी तो 6 महीने के बाद दलाली देते थे और वह भी 1% नहीं 0.50 से लेकर 0.70 पैसे तक की ही देते थे। दूसरी ओर विवर का कहना है कि कई दलाल तो सौदा चिट्ठी भी नहीं देते हैं।
दलाल नहीं देते सोदा चिट्ठी
नियम के अनुसार दलालों को सोदा चिट्ठी देनी होती है जिसमें की माल खरीदने वाले व्यापारी का नाम क्वालिटी, वजन, भाव, विवर का नाम पता सब कुछ लिखा होता है। व्यापारियों ने फैसला किया है कि 10 मार्च से माल की खरीदी में 1% दलाली विवर को देनी होगी। 10 मार्च से पहले जिनके ऑर्डर बुक हो चुके हैं वह अपने ऑर्डर का सौदा पूरा कर लें। इसके बाद में नए हिसाब से माल खरीदा जाएगा।
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