गुजरात : घर में पड़े दो लाख रुपए के लालच में बेटे ने मां का गला काट कर हत्या कर दी

गुजरात : घर में पड़े दो लाख रुपए के लालच में बेटे ने मां का गला काट कर हत्या कर दी

शिकायत कर्ता बेटे बाबू के बयान शुरुआत से ही संदेहास्पद थे

 पाटडी तालुका के मेरा गांव में दंपति पर हमला कर  महिला की गला काटकर हत्या कर देने की घटना प्रकाश में आई है। जबकि महिला के पति को गंभीर चोटें आई हैं। मेरा गांव के इस चर्चित घटना का पर्दाफाश सुरेंद्रनगर पुलिस ने गिनती के दिनों में की है, जिसमें चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। पाटडी मर्डर केस को अंजाम देने वाली मृतका के सौतेले बेटे का नाम सामने आ गया है। कपूत बेटे ने अपने पिता से 2 लाख रुपये लेने के लिए अपनी सौतेली मां और पिता को मारने की योजना बनाई थी।
"जर, जमीं और जोरू" की कहावत को मेरा गांव की घटना चरितार्थ करता है।  मेरा गांव निवासी पालाभाई हीराभाई वाघेला और उनकी पत्नी गजराबेन पर 10 जून को हमला किया गया था, जिसमें गजराबेन की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। पालाभाई ने हमलावरों का विरोध किया तो हमलावर भाग गए। गंभीर रूप से घायल पालाभाई को इलाज के लिए ले जाया गया।
मृतक के बेटे बाबू ने घटना के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत दर्द कर पुलिस ने जांच तेज की, लेकिन वृद्ध दंपति पर हमला कर हत्या के संदर्भ में कोई सही कड़ी नहीं मिल रही थी। परंतु शिकायत कर्ता बाबू के बयान शुरुआत से ही संदेहास्पद लगते थे। कारण कि बाबू ने कहा कि हमले के समय वह छत पर था।  पुलिस पूछताछ में अलग-अलग जवाब मिलने पर बाबू भी संदेह के घेरे में आ गया। इसलिए गहन पूछताछ के बाद वह टूट गया और हत्या की जानकारी पुलिस को दे दी। पूछताछ में बाबू ने बताया कि पिता पालाभाई ने हाल ही में अपनी पारिवारिक जमीन बेच दी थी। जिसमें 8 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई। जिसमें से दो बेटियों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये और मध्य प्रदेश में रहने वाले दूसरे बेटे को डेढ़ लाख रुपये दिए गए। जबिक 1.5 लाख रुपये की कार भी खरीदी थी।
बाकी बचे रुपये  पिता ने अपने पास रखी थी, जिस पर बाबू की नजर थी। इस रुपये को लेकर पिता पुत्र के बीच कहासुनी भी होती थी। परंतु पिता पालाभाई बाबू को दो लाख रुपये नहीं दे रहे थे। जिससे कपूत बेटे ने अपनी सौतेली मां और पिता की हत्या कर दो लाख रुपये लेने की योजना बनाई। जिसमें उन्होंने गाजनवाव में रहने वाले अपने दोस्त जगदीश उर्फ ​जगो लवजीभाई चावड़ा को भी शामिल किया। 10 जून को दोनों एक साथ मिलकर डबल मर्डर करने पहुंचे गये। लेकिन सौतेली मां गजराबेन के गले में छुरा घोंपने पर आवाज होने पर पालाभाई जाग गये और मारने आए जगदीश को थप्पड़ मार दिया, जिससे जगदीश फरार हो गया। थोड़ी देर बाद जब बाबू वापस आए तो घर के पास जमा भीड़ से ऐसे मिलने लगे जैसे कुछ हुआ ही न हो।
निर्दोष मां-बाप पर हमला करने वाले इस कपूत का पाप सिर चढ़कर बोलने लगा। आखिरकार पुलिस ने बाबू और जगदीश को पकड़कर जुर्म को सुलझा लिया। लेकिन रुपये के खातिर सगे बाप की हत्या करने के लिए तैयार हुए हत्यारे बेटे पर पूरे सूबे के लोगों ने फटकार लगाई।
Tags: 0