
गुजरात : बिना चिकित्सकीय सलाह डायाबिटीज मिटाने वनस्पति द्रव्य पीने वाले युवक की जान चली गई
By Loktej
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बिना सोचे कोई भी नुस्खा अपनाने के चक्कर में एक युवक की हुई मौत
हिंदी में एक कहावत है ‘नीम हकीम खतरे जान! इसका अर्थ है कि बिना उचित जानकारी के किसी भी दवा का सेवन करने पर आपके जान की आफत आ जाएगी। इसीलिए कहा जाता है कि बीमारी और दवाइयों जैसे मामलों में जानकारी और उचित व्यक्ति की सलाह लेने के बाद ही कुछ करना चाहिए पर कुछ लोग सोशल मीडिया पर आने वाले ज्ञान को सही मानकर उसे आजमाने लगते है। जिसका उन्हें घटक परिणाम चुकाना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला अमरेली से सामने आया हैं जहाँ बिना सोचे कोई भी नुस्खा अपनाने के चक्कर में एक युवक की मौत हो गई ।
आपको बता दें कि अमरेली में सामने आये एक अजीबोगरीब मामले में मधुमेह से पीड़ित एक युवक ने इलाज के नाम पर दूध के साथ सब्जी का रस निगल लिया जो बाद जहरीला असर कर गया और युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पिछले 15 जून को कमलेश भाई रामसिंह कनौजिया ने पुलिस को बताया कि हरदेवसिंह धर्मेंद्र सिंह भदौरिया एक साल से अधिक समय से मधुमेह से पीड़ित थे। जिसके चलते उन्होंने बिना डॉक्टर की सलाह के पौधे के रस को दूध के साथ ले लिया। इसके बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी। युवक को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत थी। घटना के बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू की है।
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