गुजरात : बनासकांठा में बेटी के जन्म का ढोल- नगाड़ों के साथ गुलाब की पंखुड़ियों से किया स्वागत
By Loktej
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बेटी के घर में कदम रखते ही दादाजी ने घर के सामने लगी नेम प्लेट से अपना नाम हटा दिया और अपनी पोतियों को अनोखे अंदाज में बधाई दी
गुजरात में सबसे कम महिला जन्म दर वाले साबरकांठा जिले में लोग आज भी बच्ची को जन्म लेने पर मुंह बिगाड़ते है। वहीं यहां ऐसे मुस्लिम परिवार भी हैं, जो बच्चियों का स्वागत करता है और बेटी के जन्म को त्योहार की तरह मनाता है।
जब आप गुलाब की पंखुड़ियों को ढोल के साथ उड़ते हुए देखेंगे तो आप सोचेंगे कि शायद यह वरघोड़ा जा रहा है, लेकिन नहीं, यह वरघोड़ा नहीं है। यह एक पार्टी है जो हिम्मतनगर के एक दादा द्वारा अपनी नवजात पोतियों के स्वागत के लिए आयोजित की जाती है जब वे पहली बार घर आती हैं। साबरकांठा जिला कांग्रेस कमेटी के नेता युसूफभाई पठान और पूर्व पार्षद रहीशबा पठान की बहू रेहनई की दो बेटियां हुईं है। सामान्य रुप से बेटियों के जन्म होने पर लोग मुंह सिकोड़ते हैं। वहीं यह परिवार को दो बेटियों को जन्म पर ढोल नगाड़ों से स्वागत कर खुशिय़ां मना रहा है।
यूसुफभाई के घर सदफ और सनाया का जन्म होने पर पुत्र जन्म से भी अधिक खुशी इस परिवार में देखने को मिली। बेटी के घर में कदम रखते ही दादाजी ने घर के सामने लगी नेम प्लेट से अपना नाम हटा दिया और अपनी पोतियों को अनोखे अंदाज में बधाई दी। एक बार यूसूफभाई की बहू रेहनाई इस सोच से घबरा गई थी कि जिस तरह लोग बेटी के जन्म होने पर मुंह बिचकाते है उसी तरह हमारे ससुराल वाले भी ऐसा ही करेंगे, लेकिन यह माहौल देखकर उनकी घबराहट दूर हो गई। हाल के एक सर्वेक्षण के अनुसार, साबरकांठा जिले में गुजरात में सबसे कम महिला जन्म दर है। वहीं कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो बेटी के जन्म को शादी के मौके की तरह धूमधाम से मनाते हैं।
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