मरीजों के नाम समान थे, कोविड अस्पताल ने जिंदा को मृत बता दिया, परिवार ने अस्पताल को सर पर उठाया

मरीजों के नाम समान थे, कोविड अस्पताल ने जिंदा को मृत बता दिया, परिवार ने अस्पताल को सर पर उठाया

काम का भारण अधिक होने के कारण गलती होने की बात की

व्यारा के कोविड अस्पताल में शुक्रवार को जीवित व्यक्ति को गलती से अस्पताल प्रशासन ने मृत घोषित कर दिया था। कुछ देर बाद जब घर वालों को पता चला तब उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्राप्त जानकारी के अनुसार, व्यारा के कानपुरा क्षेत्र में रहने वाले धीरज लाल नरोत्तमदास पंचोली को शुक्रवार की दोपहर को 11:00 बजे कोविड-19 अस्पताल में दाखिल किया गया था।
दाखिल करने के आधे घंटे बाद ही आया फोन
हॉस्पिटल में दाखिल करने के आधे घंटे बाद ही हॉस्पिटल से फोन आया था जिसमें कि धीरजलाल पंचोली की मौत हो गई है यह बताया गया। यह सुनने के बाद परिवार के लोग ताबड़तोड़ हॉस्पिटल पहुंचे। हॉस्पिटल में परिवारजनों को धीरजलाल का डेट सर्टिफिकेट दे दिया गया और लाश को ले जाने के लिए कहा गया। इस दौरान हॉस्पिटल की नर्स धीरजलाल का बचा हुआ सामान परिवार के सदस्यों को देने आई थी। जिसमें की एक हेडफोन भी शामिल था। बचे सामान में हेडफोन देखकर परिवार के सदस्यों को शक गया क्योंकि धीरजलाल कभी भी हेडफोन इस्तेमाल नहीं करते थे। 
अस्पताल में धीरजलाल बैठे दिखे
शक होने के कारण परिवार के सदस्यों ने धीरजलाल की लाश देखने की मांग की। थोड़ी देर तक चर्चा करने के बाद परिवारजनों को अस्पताल के अंदर ले जाया गया। वहां पर धीरजलाल बैठे नजर आए तब परिवार जन चौक गए और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पर साथ ही में हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ परिवारजनों में नाराजगी थी।
अस्पताल प्रशासन के खिलाफ उन्होंने जमकर हंगामा किया। हॉस्पिटल में दाखिल अन्य लोगों ने भी हॉस्पिटल में चल रही लापरवाही के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की। जांच में पता चला कि धीरजभाई नाम के अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी उसके स्थान पर हॉस्पिटल वालों ने अन्य किसी धीरज पंचोली के घर वालों को फोन कर दिया था। एक ही नाम के दो मरीज होने के कारण अस्पताल प्रशासन से यह गलती होने की बात सामने आ रही है।

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