ये रिटायर्ड पुलिस अधिकारी अब भक्तों को राम और शिवकथा का रसपान करा रहे!

ये रिटायर्ड पुलिस अधिकारी अब भक्तों को राम और शिवकथा का रसपान करा रहे!

सुबह खाखी और शाम को भगवा, बिना किसी शुल्क के करते है कैदियों के लिए शिव-राम कथा का आयोजन

खाखी वर्दी पहने लोगों का कडक वलन और गुस्सैल मिजाज आप सभी ने देखा ही होगा। पूरे दिन गंभीरता के माहौल में पुलिस कर्मचारी एक बहुत ही तनावयुक्त जीवन जीते है। ऐसे में जब भी वह सेवानिरवुत होते है, वह हमेशा जल्द से जल्द किसी न किसी प्रवृति में जुड़ जाने के प्रयास में लगे रहते है। एक ऐसे ही पुलिस अफसर के बारे में आज हम बात कर रहे है जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद अपना सारा जीवन धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर मौड़ दिया। 
बचपन में ही छोड़ गए थे माता - पिता
DySP के तौर पर रिटायर होने वाले आर बी रावल अब सभी को राम कथा और शिव कथा का रसास्वाद करा रहे है। इनकी कई लोग योगी रामदास के नाम से भी जानते है। अब तक उन्होंने 600 से ज्यादा शिवकथा और रामकथा कर चुकी है। गुजरात के खेड़ा जिले में जन्में रावल से बचपन में ही अपने माता पिता का साथ छूट गया। इस दौरान गाँव में आए बबलदास की नजर इन पर पड़ी और उन्होंने रावल को गोद ले लिया। 
1977 मे दी PSI के तौर पर सेवा
इसके बाद उन्होंने LLM की डिग्री ली। अपनी पढ़ाई के साथ वह गाँव के रामबाग की सफाई करते। इसके बाद उन्होंने शिक्षक के तौर पर अपनी नौकरी शुरू की। एक दिन बबलदास मेहता ने रामचन्द्र को कहा की पुलिस में जुड़ जाओ और रामदास ने पुलिस की परीक्षा पास कर ली। साल 1977 में PSI के तौर पर उन्होंने अपनी फर्ज अदा करी। उनकी पहली पोस्टिंग भावनगर हुई थी, जो बाद में महुवा में हुई। रामदास ने हनुमानजी महाराज को अपना गुरु मानकर शिवकथा करना शुरू किया। 
गुजरात की सभी जेलों में कर चुके है रामकथा
सुबह खाखी पहन कर शाम को वह सभी को शिवकथा का रसपान करवाते। राज्य सरकार ने भी इस बात को ध्यान में लिए। इसके बाद साबरमती जेल में कैदियों के लिए रामकथा का आयोजन किया गया। रामदास पूरे गुजरात और तिहार जेल में अपनी कथा कर चुके है, वह भी बिना किसी शुल्क के। साल 2009 में उन्होंने रिटायरमेंट ले ली। फिलहाल उनकी उम्र 67 साल है और उनके परिवार में एक पत्नी, एक पुत्र और एक बेटी है। 
Tags: