
द बर्निंग बोट : जान बचाने समुद्र में लगाई छलांग और घंटे भर तैरते रहे 7 मछुआरे
By Loktej
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मछली पकड़ने गए थे 7 मछुआरे, दो घंटे तक बुझाई गई बोट की आग पर नहीं बची बोट
पोरबंदर में मछ्ली पकड़ने के लिए फिशिंग बोट में गए सात लोगों कि जान उस समय हलक में आ गई, जब जिस बोट में बैठकर वह तैर रहे थे उसमें आग लग गई। बोट जलकर पूरी तरह से खाक हो गई थी, हालांकि इसी दौरान नजदीक से ही गुजर रहे अन्य बोट के खलासियों ने उन्हें बचाया था। इसके बाद कोस्टगार्ड को फोन कर घटना कि जानकारी दी गई और उनकी जांच की गई।
शाम के समय अचानक इंजिन में लगी आग
पोरबंदर के कानजीभाई गोसीया की हरसिद्धि बोट को कांतिभाई पाटकर की अगुवाई में रमन मासे, मालाजी उबासला, करशन हरी, जयंती पाटकर, वांसा जुवाब और नरभेराम डोबरिया नाम के खलासियों के साथ मछली पकड़ने के लिउए गौए थे। जब शाम को 6:30 बजे के आसपास अचानक बोट के इंजिन में अचानक ज़ोर से धड़ाके के साथ आग लग गई थी। देखते ही देखते अचानक आग ने भयानक स्वरूप ले लिया था।
नजदीक से गुजर रही मछुआरों की बोट ने बचाया
आग इतनी अचानक बढ़ गई थी की उन्हें वायरलेस से मदद मांगने का भी समय नहीं मिला था। आग को पूरी बोट पर कब्जा करते देख सभी खलासियों ने जान बचाने के लिए समंदर मे छलांग लगा दी। इसके बाद सभी खलासी लगभग एक घंटे तक समंदर में तैरते रहे थे, तभी नजदीक से ही कुछ बोट वहाँ पहुंची थी। जिसमें देव नाम की बोट के खलासियों ने कोस्टगार्ड की मदद मांगी थी।
दो घंटे तक आग बुझाने पर भी नहीं बची बोट
कोस्टगार्ड ने अपनी पेट्रोलिंग शिप राजरत्न के साथ घटनास्थल पर पहुँचने के लिए निकले। राजरत्न अपनी पूरी स्पीड के साथ स्थल पर पहुंचा और पास ही आई गात्राल शिप द्वारा सभी खलासियों को बोट द्वारा बचा लिया गया था। इसके बाद लगातार दो घंटे तक बोट की आग को बुझाने का प्रयास किया था, पर फिर भी बोट को बचाया नहीं जा सका था। बोट के जल जाने के कारण बोट के मालिक को अंदाजन 35 लाख का नुकसान हुआ था।
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