सूरत : अरावली पर्वतमाला बचाने को लेकर सूरत में जनआक्रोश, जिला कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

राजस्थान सरकार के नए कानून के विरोध में ‘अरावली बचाओ–जंगल बचाओ’ अभियान के तहत सर्व समाज की एकजुट आवाज

सूरत : अरावली पर्वतमाला बचाने को लेकर सूरत में जनआक्रोश, जिला कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

सूरत। हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा बनाए गए उस कानून के खिलाफ देशभर में जनआक्रोश देखने को मिल रहा है, जिसमें 100 मीटर के दायरे में आने वाली अरावली पर्वतमाला को अरावली नहीं मानने का प्रावधान किया गया है।

पर्यावरणविदों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि यह कानून लागू होता है, तो राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और गुजरात सहित कई राज्यों में लगभग 90 प्रतिशत पहाड़ियां समाप्त हो सकती हैं।

इसी के विरोध में ‘अरावली पर्वतमाला बचाओ–जंगल बचाओ’ अभियान के तहत मंगलवार को सूरत में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि अरावली पर्वतमाला में देश का इतिहास, पर्यावरण और जीवनदायिनी सांसें जुड़ी हुई हैं। वक्ताओं ने कहा कि अरावली बचेगी तभी जमीन, जंगल और बारिश सुरक्षित रह पाएंगे।

अभियान से जुड़े प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि यह गंभीर मुद्दा गुजरात सरकार, राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाए, ताकि इस कानून पर पुनर्विचार किया जा सके।

इस अवसर पर सर्व समाज के प्रतिनिधि हरीशभाई गुर्जर, चेनाराम गुर्जर, मोतीराम गुर्जर, छोटाराम गुर्जर, द्वारकादास रुडानी, इंद्रजीत गुर्जर, उत्कर्ष गोयल, ओमप्रकाश बडगुजर, राहुल चौधरी और सलीम भाई सहित कई लोग जिला कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित रहे।

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