सूरत : नेशनल टैक्स कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन, टैक्सेशन की चुनौतियों और तकनीक पर हुआ मंथन
AIFTP–वेस्टर्न ज़ोन के सहयोग से चैंबर ऑफ कॉमर्स का आयोजन, थर्ड पार्टी सर्च, AI और GST पर विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
सूरत। सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) ने ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (AIFTP – वेस्टर्न ज़ोन) के सहयोग से शनिवार, 20 दिसंबर 2025 को उषाकांत मारफतिया हॉल, SIECC कैंपस, सरसाना में एक दिवसीय ‘नेशनल टैक्स कॉन्क्लेव 2025’ का सफल आयोजन किया।
इस राष्ट्रीय स्तर के कॉन्क्लेव में टैक्सेशन से जुड़े कानूनी पहलुओं, प्रैक्टिकल समस्याओं और आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग पर विस्तार से चर्चा की गई।
कॉन्क्लेव के चीफ गेस्ट सूरत के चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स राजर्षि द्विवेदी (IRS) थे, जबकि AIFTP के नेशनल प्रेसिडेंट एडवोकेट समीर जानी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। एडवोकेट समीर जानी ने टैक्स प्रैक्टिशनर्स से गुजरात को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट करने का आह्वान किया।
अपने संबोधन में राजर्षि द्विवेदी (IRS) ने थर्ड पार्टी सर्च की जटिलताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सर्च की कार्रवाई में कई बार ऐसे लोग भी जांच के दायरे में आ जाते हैं, जो सीधे तौर पर मुख्य व्यक्ति से जुड़े नहीं होते।
उन्होंने बताया कि सर्च के दौरान मिले दस्तावेज़ों और तथ्यों की सही व्याख्या बेहद ज़रूरी है और जांच व टैक्सपेयर्स के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखना कानून का उद्देश्य रहा है। उन्होंने ‘डमी डॉक्यूमेंट्स’ की समस्या पर भी चिंता जताई और फैक्ट्स के आधार पर निष्पक्ष कार्रवाई की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
गुजरात हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट तुषार हेमानी ने “थर्ड पार्टी सर्च और इनकम टैक्स की कार्रवाई पर इसका प्रभाव” विषय पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि थर्ड पार्टी के खिलाफ कार्रवाई तभी वैध मानी जाएगी जब आयकर विभाग द्वारा तय कानूनी प्रक्रिया और गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाए।
पुणे के प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षित औरंगाबादकर ने टैक्सेशन और फाइनेंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि AI के ज़रिए रिटर्न फाइलिंग, स्क्रूटनी, रिस्क असेसमेंट और फ्रॉड डिटेक्शन जैसे काम तेज़ और अधिक पारदर्शी हो गए हैं।
अमृतसर की चार्टर्ड अकाउंटेंट आंचल कपूर ने ऑनलाइन सत्र में GSTR-9/9C फाइलिंग और GST ट्रिब्यूनल मामलों पर प्रैक्टिकल गाइडेंस दी। उन्होंने डेटा रिकंसिलिएशन और ITC मिसमैच जैसी समस्याओं पर सावधानी बरतने की सलाह दी।
कार्यक्रम की शुरुआत में चैंबर के पूर्व प्रेसिडेंट विजय मेवावाला ने स्वागत भाषण दिया। ऑनरेरी सेक्रेटरी बिजल जरीवाला ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा, जबकि ऑनरेरी ट्रेज़रर CA मितेश मोदी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। AIFTP (वेस्टर्न ज़ोन) के चेयरमैन एडवोकेट सचिन गांधी ने समापन संबोधन किया।
इस कॉन्क्लेव में सूरत सहित मुंबई, वडोदरा, राजकोट, पुणे, नागपुर, नासिक और अन्य शहरों से बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, वकील, टैक्स प्रोफेशनल्स और उद्यमी शामिल हुए, जिससे यह आयोजन टैक्सेशन क्षेत्र के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुआ।
