सूरत : एनटीपीसी की 18वीं लेंडर्स मीट आयोजित, विकास रोडमैप और हरित ऊर्जा विज़न पर मंथन
2037 तक 244 गीगावाट क्षमता का लक्ष्य, 7 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश की रूपरेखा प्रस्तुत
देश की अग्रणी ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी ने बुधवार, 18 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में अपनी 18वीं लेंडर्स मीट का आयोजन किया। इस अवसर पर कंपनी के परिचालन एवं वित्तीय प्रदर्शन, हरित पहलों, विकास एवं विविधीकरण योजनाओं, भावी पूंजीगत व्यय तथा फंडिंग आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में भारत और विदेश के प्रमुख बैंकों, वित्तीय संस्थानों एवं क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
उद्घाटन संबोधन में एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री गुरदीप सिंह ने ऊर्जा क्षेत्र के बदलते परिदृश्य और इस परिवर्तनशील वातावरण में एनटीपीसी के लिए उपलब्ध अवसरों पर अपने विचार रखे। इसके पश्चात निदेशक (वित्त) श्री जयकुमार श्रीनिवासन ने विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से एनटीपीसी के एक एकीकृत ऊर्जा समूह के रूप में हो रहे रूपांतरण को रेखांकित किया।
प्रस्तुतियों की श्रृंखला के दौरान एनटीपीसी एवं इसकी समूह कंपनियों ने भारत सरकार के ‘विकसित भारत’ विज़न के अनुरूप सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। इस अवसर पर मूडीज़, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स, फिच रेटिंग्स और केयरएज जैसी अग्रणी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने देश की सॉवरेन रेटिंग, विद्युत क्षेत्र की स्थिति तथा एनटीपीसी की क्रेडिट प्रोफाइल पर अपने विचार साझा किए।
बैठक में एक इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें एनटीपीसी प्रबंधन ने ऋणदाताओं और अन्य प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर दिया। इस दौरान एनटीपीसी के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ प्रमुख समूह कंपनियों के सीईओ और सीएफओ भी उपस्थित रहे।
लेंडर्स मीट के माध्यम से एनटीपीसी, इसकी समूह कंपनियों, ऋणदाताओं और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के बीच सार्थक संवाद को बढ़ावा मिला, जिससे भविष्य की विकास योजनाओं के लिए आपसी विश्वास और सहयोग को और मजबूती मिली।
वर्तमान में एनटीपीसी 85 गीगावाट की स्थापित क्षमता का संचालन कर रही है, जबकि 32 गीगावाट क्षमता निर्माणाधीन है। कंपनी ने 2032 तक 149 गीगावाट (जिसमें 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है) और 2037 तक 244 गीगावाट क्षमता तक पहुँचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस रोडमैप के तहत लगभग 7 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई गई है, जिसमें ऊर्जा भंडारण प्रणालियाँ, पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएँ, परमाणु ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और रसायन क्षेत्रों में विस्तार शामिल है।
थर्मल, जलविद्युत, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों के विविध पोर्टफोलियो के साथ एनटीपीसी देश को विश्वसनीय, किफायती और सतत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा हरित भविष्य की दिशा में निरंतर नवाचार और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर जोर दे रही है।
