सूरत : एक ही दिन में 18अंगों का दान, देश में पहली बार एक ही शहर में चार सफल ऑर्गन डोनेशन

ऑर्गन डोनेशन जनजागृति चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउंडर दिलीप दादा देशमुख के जन्मदिन पर चार ब्रेन-डेड लोगों का सफल ऑर्गन डोनेशन

सूरत : एक ही दिन में 18अंगों का दान, देश में पहली बार एक ही शहर में चार सफल ऑर्गन डोनेशन

सूरत। सूरत ने सोमवार को इतिहास रच दिया। भारत में पहली बार एक ही शहर में, एक ही दिन में चार ब्रेन-डेड मरीजों के माध्यम से कुल18 अंगों का सफलतापूर्वक दान किया गया।

यह अनोखी उपलब्धि ऑर्गन डोनेशन जनजागृति चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउंडर दिलीप दादा देशमुख के जन्मदिन पर संभव हो सकी, जिन्होंने वर्षों से ऑर्गन डोनेशन को जन-आंदोलन का रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एक ही दिन में शहर के तीन अस्पतालों में चार ब्रेन-डेड मरीज के कुल 18 अंगों का सफल दान हुआ। एक ही दिन में सूरत के तीन अस्पतालों  में  न्यू सिविल हॉस्पिटल, नाना वराछा स्थित एएआईएचएमएस  हॉस्पिटल,  कतारगाम स्थित किरण हॉस्पिटल  में चार ब्रेन-डेड मरीजों के परिवारों ने अंगदान के लिए सहमति दी।

न्यू सिविल हॉस्पिटल, सूरत में ब्रेनडेड कैलाश रामू अहिरे, उम्र 48 (धुले, महाराष्ट्र) के किडनी, लिवर और कॉर्निया दान किए गए । कैलाशभाई खेत मजदूर थे और बाइक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें सूरत रेफर किया गया था। 8 दिसंबर को रात 9:38 बजे उन्हें ब्रेन-डेड घोषित किया गया। यह न्यू सिविल हॉस्पिटल का 86वां सफल ऑर्गन डोनेशन है।

एएआईएचएमएस  हॉस्पिटल, नाना वराछा में ब्रेनडेड इलाबेन मनहरभाई प्रजापति, उम्र 46 और मनुभाई जेरमभाई काचा, उम्र 55 दोनों के मिलकर 4 किडनी, 2 लिवर और 4 कॉर्निया दान किए गए।

किरण हॉस्पिटल, कतारगाम में ब्रेनडेड छगनलाल, उम्र 68 के 2 किडनी, 1 लिवर, 2 कॉर्निया का दान किया गया। इन चारों ब्रेनडेडे मरिजों के परिवारों द्वारा अंगदान की सहमति दिने से  18 अंगों का दान हुआ, जिससे कई गंभीर मरीजों को नई जिंदगी मिलेगी।

अंगदान के माध्यम से दिलीप दादा देशमुख के जन्मदिन पर सेवा और संवेदनशीलता का संदेश दिया गया।  दिलीप दादा देशमुख के जन्मदिन के अवसर पर न्यू सिविल हॉस्पिटल में 151 सफाई कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों को कंबल वितरित किए गए।

कार्यक्रम में डॉ. ऋतंभरा मेहता, डॉ. पारुल वडगामा, प्लास्टिक सर्जन डॉ. नीलेश कछड़िया, डॉ. केतन नायक, इकबाल कड़ीवाला सहित नर्सिंग एसोसिएशन की टीम मौजूद रही।अंगदान के संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए शांति दूत गुब्बारे भी आसमान में छोड़े गए।

इकबाल कड़ीवाला ने कहा हमारा लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़े और यह अभियान एक जन आंदोलन बने। दिलीप दादा देशमुख के जन्मदिन पर हुए इस अभूतपूर्व अंगदान ने न केवल कई मरीजों को नई जिंदगी दी, बल्कि यह संदेश भी दिया कि मानवता का सबसे बड़ा धर्म  किसी की जिंदगी बचाना सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।

एक ही दिन में चार सफल ऑर्गन डोनेशन न केवल सूरत बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायी मिसाल है।

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