सूरत : टेक्सटाइल पर्व का चौथा दिन, सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग और एमएमएफ पर इंडस्ट्री लीडर्स की गाइडेंस
एसजीसीसीआई के मंच पर जितेंद्र वखारिया और आशीष गुजराती ने उद्यमियों को किया संबोधित
सूरत। सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के ग्लोबल फैब्रिक रिसोर्स एंड रिसर्च सेंटर (जीएफआरआरसी) द्वारा आयोजित टेक्सटाइल पर्व में चौथे दिन इंडस्ट्री लीडर्स ने एंटरप्रेन्योर्स को सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग और मॉडर्न टेक्सटाइल ट्रेंड्स पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। यह आयोजन 1 से 8 दिसंबर तक समृद्धि, नानपुरा में रोजाना शाम 5:30 बजे हो रहा है।
गुरुवार, 4 दिसंबर को हुए सत्र में साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जितेंद्र वखारिया और चैंबर के पूर्व प्रेसिडेंट एवं टेक्सटाइल टास्क फोर्स के चेयरमैन आशीष गुजराती मुख्य वक्ता रहे।
अपने संबोधन में जितेंद्र वखारिया ने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में उद्योग को टिकाऊ बनाने के लिए सिर्फ उत्पादन बढ़ाना काफी नहीं है, बल्कि सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पहले सरकारें इकॉनमी को प्राथमिकता देती थीं, लेकिन अब इकोलॉजी को केंद्र में रखा जा रहा है और पर्यावरणीय कानून लगातार सख्त हो रहे हैं।
उन्होंने 90 के दशक का उदाहरण देते हुए कहा कि पांडेसरा में प्योर वॉटर से शुरू हुआ सफर 2001 में रीसायकल वॉटर के उपयोग तक पहुंचा, जिसने सस्टेनेबल प्रोडक्शन को संभव बनाया और राष्ट्रीय स्तर पर सूरत की पहचान मजबूत की।
उन्होंने यह भी साझा किया कि कैसे इंडस्ट्री ने सरकारी मशीनरी को समझाकर एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करवाया, जिससे उद्योग बंद होने से बचा और कानून का पालन करते हुए सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
चैंबर के पूर्व प्रेसिडेंट आशीष गुजराती ने मैन-मेड फाइबर्स (एमएमएफ) की वैश्विक मांग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनिया का 75% मार्केट आज एमएमएफ पर आधारित है। उन्होंने बताया कि पॉलिएस्टर बेडशीट, स्पोर्ट्सवियर, रेनकोट, छाते और टेक्निकल टेक्सटाइल में एमएमएफ के लिए बड़ा अवसर है।
आशीष गुजराती ने कहा कि फैशन इंडस्ट्री में हर 2-3 घंटे में ट्रेंड बदल रहा है, और ऐसे में एमएमएफ अपनी क्वालिटी, टिकाऊपन और सस्टेनेबिलिटी के कारण तुरंत अपनाए जाने योग्य विकल्प बन चुका है। उन्होंने तकनीकी वस्त्रों (Technical Textiles) से लेकर सस्टेनेबल मीडिया पेपर्स जैसे नए उत्पादों के संभावित उपयोग पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
दोनों वक्ताओं ने उद्योग जगत से जुड़े उन सवालों का जवाब दिया जो उद्यमियों को लंबे समय से उलझा रहे थे।कार्यक्रम का संचालन जीएफआरआरसी के को-चेयरमैन अमरीश भट्ट ने किया, जिन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
टेक्सटाइल पर्व के इस चौथे दिन ने एंटरप्रेन्योर्स को न केवल वर्तमान चुनौतियों के समाधान बताए, बल्कि भविष्य की दिशा भी स्पष्ट की।
