सूरत :चैंबर ऑफ कॉमर्स में 'लेबर कोड्स' पर जागरूकता सत्र आयोजित
नई दिल्ली के विशेषज्ञ ने इंडस्ट्रीज़ और एचआर के लिए नए नियमों की जटिलताओं को समझाया
सूरत। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा 21 नवंबर, 2025 को चार नए लेबर कोड लागू किए जाने के बाद, सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने गुरुवार, 4 दिसंबर, 2025 को समहति, सरसाना में 'लेबर कोड्स को समझना: इंडस्ट्रीज़ और एचआर के लिए एक प्रैक्टिकल गाइड' पर एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया।
चैंबर के वाइस प्रेसिडेंट अशोक जीरावाला ने कहा कि ये कोड्स न केवल कानूनी अनुपालन के लिए आवश्यक हैं, बल्कि प्रबंधन में पारदर्शिता, कर्मचारी सुरक्षा और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण तरीका हैं।
नई दिल्ली के लेबर लॉ इंस्टीट्यूट के पैनल मेंबर और लेबर लॉ एडवाइजर सोहेल सवानी ने इन बदलावों पर विस्तृत जानकारी दी।
नई सैलरी परिभाषा: पीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, मैटरनिटी, ओवरटाइम, नोटिस पे और बोनस जैसे सभी भत्तों की गणना अब नई सैलरी डेफिनिशन के आधार पर की जाएगी।
अवकाश (लीव) पात्रता: एंटाइटलमेंट लीव का कैलकुलेशन 180 दिन काम पूरा करने के बाद हर 20 दिन के काम पर एक दिन के हिसाब से होगा।
सामाजिक सुरक्षा: आने वाले समय में सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत लगभग 50 करोड़ कर्मचारियों को कवर किया जाएगा, जबकि वर्तमान में यह संख्या लगभग 8 करोड़ है।
अन्य नियम इस प्रकार है। 20 से अधिक कर्मचारियों वाले ऑर्गनाइज़ेशन को एक ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी बनानी होगी। 40 साल से अधिक उम्र के एम्प्लॉई का सालाना मेडिकल चेक-अप अनिवार्य किया गया है।
सोहेल सवानी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सेंट्रल रूल्स जारी होने (जिसमें लगभग 2-3 महीने लगेंगे) के बाद, राज्य सरकारें अपने नियम बनाकर इन्हें लागू करेंगी। उम्मीद है कि ये चारों लेबर कोड अप्रैल-2026 से लागू किए जा सकते हैं।
इस सेमिनार में चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के प्रेसिडेंट निखिल मद्रासी समेत कई बिज़नेसमैन और प्रोफेशनल्स मौजूद थे, जिनके सवालों के जवाब एक्सपर्ट स्पीकर ने दिए।
