भारत तटस्थ नहीं है बल्कि शांति के पक्ष में है: प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संकट पर पुतिन से कहा
नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के नवीनतम प्रयासों का शुक्रवार को पुरजोर समर्थन किया और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह संदेश दिया कि भारत इस संघर्ष का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए सभी शांति प्रयासों में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।
यूक्रेन मुद्दा दोनों नेताओं के वार्षिक शिखर वार्ता में केंद्रीय रूप से उभरा है। इस शिखर वार्ता का उद्देश्य लगभग आठ दशक से जारी द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत बनाना है, जो जटिल भू-राजनीतिक माहौल और तनावों के बावजूद स्थिर बनी रही है।
मोदी ने शिखर वार्ता के दौरान अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि भारत यूक्रेन संघर्ष को लेकर तटस्थ नहीं है, बल्कि इसे करने के लिए शांति का पक्षधर है।
मोदी ने कहा, “यूक्रेन संघर्ष के शुरू होने के बाद से हम चर्चा करते रहे हैं। एक करीबी मित्र के रूप में, आप हमें स्थिति के बारे में नियमित रूप से सूचित करते आए हैं। मुझे लगता है कि विश्वास एक बड़ी ताकत है।”
उन्होंने कहा, “हम सभी को शांति का मार्ग तलाशना चाहिए। मैं नवीनतम प्रयासों से अवगत हूं और मुझे विश्वास है कि दुनिया शांति की ओर रुख करेगी।”
उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि भारत तटस्थ नहीं है; भारत का एक पक्ष है और वह है शांति। हम सभी शांति प्रयासों का समर्थन करते हैं और इन कोशिशों के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”
रूसी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मॉस्को संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम कर रहा है।
पुतिन का बृहस्पतिवार शाम को लाल कालीन पर स्वागत किया गया, यह चार साल बाद उनकी पहली भारत यात्रा है। फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद भी यह उनका पहला भारत दौरा है।
