सूरत : तापी पर नया बैराज 50 साल तक पानी की दिक्कत खत्म करेगा, डीपीआर मंजूर
तीन साल में 974 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा नया बैराज, 80 लाख आबादी को पानी की सुरक्षा कवच
सूरत । दक्षिण गुजरात के लाखों लोगों को पीने के पानी की समस्या से राहत दिलाने के लिए गुजरात सरकार ने तापी नदी पर एक नया गेट वाला बैराज बनाने की बड़ी योजना को मंजूरी दे दी है।
974 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार होने वाले इस प्रोजेक्ट की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट को हाल ही में मंजूरी मिली है और मेयर के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट का काम एक ही फेज में शुरू किया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट राज्य और केंद्र सरकारों के सहयोग से आकार लेगा। कुल लागत का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार देगी, जबकि बाकी 40 प्रतिशत लागत राज्य सरकार और सूरत नगर निगम उठाएगी।
DPR की मंजूरी के साथ ही कंस्ट्रक्शन का काम जल्द ही शुरू होने के संकेत हैं। इस बैराज का काम करीब तीन साल तक चलेगा। इस प्रोजेक्ट से 19.60 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा।
उकाई डैम, काकरापार वियर और सिंगन वियर अभी तापी नदी पर हैं, लेकिन वियर-कम-कॉजवे तक आने वाले ज्वार के पानी से आसपास के 10 km एरिया में मिला-जुला खारापन है।
रुंढ भाठा गांव के पास प्रस्तावित नए गेट वाले बैराज के दो मुख्य मकसद हैं खारापन कंट्रोल: नदी में ज्वार के खारे पानी के बहाव को रोकना। ताजे पानी का स्टोरेज: मीठे पानी की झील बनाकर सूरत शहर की पीने के पानी की समस्या को हल करना।
इस प्रोजेक्ट से सूरत शहर में पीने के लिए 19.60 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इस बैराज की लंबाई 1035 मीटर और ऊंचाई 5 मीटर होगी।
120 करोड़ रुपये की लागत से लिफ्ट इरिगेशन भी शुरू की गई है।
इस बैराज प्रोजेक्ट के तहत, राज्य सिंचाई विभाग ने लगभग 120 करोड़ रुपये की लागत से तापी नदी के दाहिने किनारे पर लिफ्ट इरिगेशन भी शुरू कर दी है। इससे ओलपाड और चोर्यासी तालुका के 15 गांवों की 2365 हेक्टेयर ज़मीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
