सूरत नगर निगम का बड़ा लक्ष्य: 2032 तक 100% बिजली रिन्यूएबल एनर्जी से होगी उत्पादित
सालाना ₹200-250 करोड़ का बिजली खर्च कम करने की तैयारी; 25 साल का एक्शन प्लान तैयार
सूरत। सूरत नगर निगम शहर में बिजली की बढ़ती खपत और खर्च को देखते हुए रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) स्रोतों की ओर तेज़ी से बढ़ने की तैयारी कर रहा है।
नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने जानकारी दी कि नगर निगम ने अगले सात सालों में, यानी साल 2032 तक, अपनी बिजली खपत का 100 प्रतिशत उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी से करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। नगर निगम वर्तमान में बिजली पर सालाना ₹200 से ₹250 करोड़ खर्च करता है।
इस खर्च को कम करने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। वर्तमान क्षमता (MW)विंड पावर प्लांट38.7 MW,सोलर पावर प्लांट22 MW,बायोगैस पावर प्लांट5.25 MW,कुल रिन्यूएबल क्षमता65.95 MW।
सूरत नगर निगम वर्तमान में अपनी कुल बिजली खपत का 28.50% रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स से बना रहा है। डिस्कॉम (डीजीवीसीएल) से मिलने वाले हिस्से को मिलाकर यह आंकड़ा 46% तक पहुँच जाता है। इस 46% को 2032 तक 100% तक पहुँचाने का टारगेट रखा गया है।
नगर निगम और डीजीवीसीएल इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पिछले 6 महीनों से लगातार बैठकें कर रहे हैं। नया एक्शन प्लान अगले सात-आठ दिनों में तैयार हो जाएगा।
नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने बताया कि यह प्लान न केवल 2032 के लक्ष्य को ध्यान में रखेगा, बल्कि अगले 25 सालों के प्रोजेक्शन के हिसाब से शहर की भविष्य की बिजली खपत को भी कवर करेगा।
इस पॉलिसी में नए सोलर प्लांट, विंड एनर्जी, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS), और लाइट एफिशिएंसी सेल जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शामिल होंगे। यह पहल सूरत को देश के सबसे ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ शहरों में से एक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
