सूरत : 'विश्व मधुमेह दिवस' पर चैंबर ऑफ कॉमर्स और IMA-सूरत की संयुक्त पहल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा समय पर जांच, सही जीवनशैली और जागरूकता से मधुमेह पूरी तरह नियंत्रित
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) – सूरत द्वारा ‘विश्व मधुमेह दिवस’ के अवसर पर मधुमेह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में IMA-सूरत के अध्यक्ष डॉ. मुकुर पेट्रोलवाला सहित डॉ. नीरज सोनी, डॉ. अमिता तांबेकर, डॉ. पीयूष देसाई और डॉ. केविन शाह ने मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया।
कार्यक्रम में चैंबर के मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी ने बताया कि ICMR की 2023 रिपोर्ट के अनुसार देश में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, जिसमें 45 वर्ष से अधिक आयु के 19.8% लोग शामिल हैं।
गुजरात में औसतन 8% लोग डायबिटिक और 10.5% लोग प्री-डायबिटिक श्रेणी में आते हैं। उन्होंने कहा कि सूरत जैसे तेजी से विकसित होते शहर में बदलती जीवनशैली और खान-पान की आदतों के कारण मधुमेह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
IMA-सूरत के अध्यक्ष डॉ. मुकुर पेट्रोलवाला ने कहा कि मधुमेह आज दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन समय पर जांच, सही जीवनशैली और जागरूकता से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने समाज में अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. नीरज सोनी ने ‘मधुमेह में व्यायाम का महत्व’ विषय पर बताया कि नियमित टहलना, योग, स्ट्रेचिंग तथा दैनिक शारीरिक गतिविधियां रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के साथ हृदय रोग और मोटापे के जोखिम को कम करती हैं।
डॉ. अमिता तांबेकर ने ‘डायबिटीज में फंक्शनल फूड’ पर कहा कि फाइबर युक्त अनाज, बीज, मेवे, बाजरा और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन रक्त शर्करा को स्थिर रखने में सहायक होता है। उनका कहना था कि उचित पोषण मधुमेह प्रबंधन को 50% तक आसान बना देता है।
डॉ. पीयूष देसाई ने ‘मोटापा – मधुमेह नियंत्रण में प्राथमिक लक्ष्य’ विषय पर कहा कि मोटापा मधुमेह का प्रमुख कारण है और जीवनशैली में मूलभूत बदलाव—जैसे संतुलित आहार, व्यायाम और वजन नियंत्रण—इसे काफी हद तक रोक सकते हैं।
डॉ. केविन शाह ने ‘कार्यस्थल पर मधुमेह से बचाव’ पर मार्गदर्शन देते हुए बताया कि लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहना अत्यंत हानिकारक है। उन्होंने कार्यस्थल पर नियमित गतिविधि, स्वस्थ स्नैक्स, तनाव प्रबंधन और समय पर जांच कराने की सलाह दी।
चैंबर की जन स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष डॉ. पारुलबेन वडगामा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जबकि सह-अध्यक्ष डॉ. राजनभाई देसाई ने संचालन किया। IMA-सूरत के मानद मंत्री डॉ. हरेश भावासर ने सभी का आभार व्यक्त किया।
अंत में हुए प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों ने मधुमेह से जुड़ी भ्रांतियों और समस्याओं पर विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया।
