सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सरसाणा के प्लेटिनम हॉल में ‘प्रकृति-आयुष कॉन्क्लेव 2025’ का आयोजन किया
आध्यात्मिकता और प्रकृति से जुड़कर ही संभव है स्वस्थ जीवन : आचार्य लोकेश मुनि
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा सरसाणा स्थित एसआईईसीसी परिसर के प्लेटिनम हॉल में ‘प्रकृति-आयुष कॉन्क्लेव 2025’ का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में आयुष, योग, ध्यान, और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता फैलाना था।
कार्यक्रम में लोकसभा सांसद पुरुषोत्तमभाई रूपालाजी ने ऑनलाइन जुड़कर कहा कि “विश्व कल्याण के लिए प्रकृति का संरक्षण आवश्यक है।” उन्होंने चैंबर की इस पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि मानवता और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखना समय की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि के रूप में अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश मुनि ने कहा कि आज का मनुष्य भौतिक सुखों की दौड़ में आध्यात्मिकता से दूर हो गया है। उन्होंने कहा कि “लोगों को शारीरिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा पर भी ध्यान देना होगा। भौतिकता और अध्यात्म के बीच संतुलन ही जीवन को सार्थक बनाता है।”
हरिद्वार के श्री भागीरथी धाम के अधिष्ठाता स्वामी श्री अशोकानंदजी ने ध्यान और योग पर मार्गदर्शन देते हुए कहा कि “मनुष्य को रोगी नहीं, योगी बनना चाहिए। ध्यान से ऊर्जा, इच्छाशक्ति और आत्मबल प्राप्त होता है। साधना से मनुष्य कर्मयोगी और भक्तयोगी दोनों बन सकता है।”
चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक जीरावाला ने बताया कि यह कॉन्क्लेव आधुनिक जीवनशैली में तनाव और रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति — आयुर्वेद, योग और ध्यान — आज भी स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र है।
शकुंत आश्रम की संचालिका सुश्री कविता गुप्ता ने ध्वनि चिकित्सा पर विशेष मार्गदर्शन दिया। वहीं डॉ. मंशाली, चैंबर की आयुष समिति की अध्यक्ष, ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और कहा कि “प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन जीना ही आयुष का सच्चा सार है।”
कार्यक्रम में डॉ. दीपक राउत ने ‘मैनिफेस्टेशन ग्लोबल कॉन्शियसनेस’ विषय पर भाषण दिया और डॉ. चिराग गज्जर ने 700 से अधिक उपस्थित लोगों को ‘आभा-शुद्धि और सप्त चक्र संतुलन’ का अनुभव कराया।
चैंबर की इस अनूठी पहल को वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस - इंग्लैंड द्वारा विश्व रिकॉर्ड का अनंतिम प्रमाण पत्र मिला, जबकि श्री साईं योग एवं रेकी हीलिंग सेंटर को SIFA बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इंटरनेशनल सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया।
कॉन्क्लेव में आयुष उत्पादों, हर्बल वेलनेस, प्राकृतिक जीवनशैली और स्वास्थ्य नवाचारों पर आधारित 20 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे।
कार्यक्रम के अंत में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला ने उपस्थित सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। मंच संचालन डॉ. विशाल शाह और डॉ. शिल्पा अग्रवाल ने किया, जबकि समापन भाषण डॉ. पारुल पटेल ने दिया।
यह कॉन्क्लेव सूरत में आयुष और प्राकृतिक जीवनशैली के क्षेत्र में जन-जागरूकता का एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ।
