सूरत: सहकारी बैंकों के समावेशी विकास पर बैंकिंग कॉन्क्लेव का आयोजन; गुजरात के सहकारी बैंक देश के लिए 'रोल मॉडल': सतीश मराठे

सहकारी क्षेत्र के हितधारकों ने भारत के सहकारी बैंकिंग इकोसिस्टम में उभरते अवसरों और चुनौतियों पर मंथन किया

सूरत: सहकारी बैंकों के समावेशी विकास पर बैंकिंग कॉन्क्लेव का आयोजन; गुजरात के सहकारी बैंक देश के लिए 'रोल मॉडल': सतीश मराठे

द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) और द साउथ गुजरात को-ऑपरेटिव बैंक्स एसोसिएशन लिमिटेड (स्कोबा) के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार, 22 नवंबर 2025 को अवध यूटोपिया, सूरत में 'बैंकिंग कॉन्क्लेव-2025' का आयोजन किया गया। सहकारी बैंकों के समावेशी विकास की थीम पर केंद्रित इस कॉन्क्लेव में बैंकिंग दिग्गजों, नीति निर्माताओं और सहकारी क्षेत्र के हितधारकों ने भारत के सहकारी बैंकिंग इकोसिस्टम में उभरते अवसरों और चुनौतियों पर मंथन किया।

गुजरात के बैंक रोल मॉडल हैं: सतीश मराठे

उद्घाटन समारोह में आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड के निदेशक सतीश मराठे ने कहा कि गुजरात के सहकारी बैंक पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि मैनेजमेंट संस्थानों को गुजरात के शहरी सहकारी बैंकों के मॉडल का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में देश भर में शहरी सहकारी बैंकों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और विनिर्माण, कृषि व सेवा क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मराठे ने बैंकों को सलाह दी कि वे केवल अपनी इमारत (ब्रांच) बनाने की चिंता न करें, बल्कि तकनीक पर खर्च करें ताकि वे अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें।

संकट में भी साख कायम: निखिल मद्रासी

चैंबर के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने स्वागत भाषण में कहा कि सहकारी क्षेत्र गरीब और मध्यम वर्ग का है। आर्थिक संकट के दौरान भी सहकारी बैंकों ने अपनी साख और ग्राहकों का विश्वास बनाए रखा है। आज स्थिति यह है कि बड़े बैंकों को ग्राहकों के पास जाना पड़ता है, जबकि ग्राहक खुद सहकारी बैंकों के पास आते हैं।

विकसित भारत में अहम भूमिका: गौतम व्यास

स्कोबा के अध्यक्ष गौतम व्यास ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और विकसित भारत के विजन में सहकारी बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने तकनीक को कल और आज के बीच का सेतु बताया।

साझा कोर बैंकिंग सिस्टम जल्द: प्रभात चतुर्वेदी

टेक्निकल सेशन में एन.यू.सी.एफ.डी.सी. (नई दिल्ली) के सीईओ प्रभात चतुर्वेदी ने कहा कि सहकारी बैंकों के लिए तकनीक, साइबर सुरक्षा और लागत मुख्य चुनौतियां हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही एक साझा 'कोर बैंकिंग सिस्टम' शुरू होगा, जिससे छोटे बैंक भी जुड़ सकेंगे। उन्होंने एसएमई के लिए इनोवेटिव करंट अकाउंट और यूपीआई चार्ज कम करने जैसे कदमों पर भी चर्चा की।

हर बैंक रिस्क ऑफिसर नियुक्त करे: मिलिंद काले

NAFCUB के उपाध्यक्ष मिलिंद काले ने कहा कि भले ही आरबीआई ने 5000 करोड़ से अधिक के लोन पोर्टफोलियो के लिए रिस्क ऑफिसर अनिवार्य किया है, लेकिन हर बैंक को इसकी नियुक्ति करनी चाहिए। उन्होंने 2018 में कॉसमॉस बैंक पर हुए साइबर हमले का उदाहरण देते हुए रिस्क मैनेजमेंट की आवश्यकता पर जोर दिया।

अन्य गणमान्य उपस्थित

चैंबर के ग्रुप चेयरमैन नीरव मांडलेवाला ने कॉन्क्लेव की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन पूर्व अध्यक्ष रोहित मेहता ने किया। इस अवसर पर चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला, मानद कोषाध्यक्ष मितिष मोदी और सूरत पीपल्स को-ऑप बैंक के चेयरमैन अमित गज्जर सहित दक्षिण गुजरात के सहकारी बैंकों के निदेशक और कर्मचारी उपस्थित थे। अंत में स्कोबा के सेकेंड वाइस चेयरमैन कांजीभाई भालाला ने आभार व्यक्त किया।

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