सूरत : NCGG, नई दिल्ली के डायरेक्टर के साथ ऑनलाइन मीटिंग, MSMEs और इंडस्ट्रीज़ के मुद्दों पर चैंबर ने दिए प्रेजेंटेशन

ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में रुकावट पैदा करने वाले 3 बड़े मुद्दों पर की गई विस्तार से चर्चा

सूरत : NCGG, नई दिल्ली के डायरेक्टर के साथ ऑनलाइन मीटिंग, MSMEs और इंडस्ट्रीज़ के मुद्दों पर चैंबर ने दिए प्रेजेंटेशन

सूरत। नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG), नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. सुरेंद्र कुमार बागड़े (IAS) के साथ गुरुवार, 20 नवंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन मीटिंग आयोजित हुई। इस मीटिंग में GCCI, SGCCI और गुजरात की कई प्रमुख इंडस्ट्रियल एसोसिएशन्स शामिल थीं।

चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से प्रेसिडेंट निखिल मद्रासी, वाइस प्रेसिडेंट अशोक जीरावाला, ऑनरेरी ट्रेज़रर CA मितिश मोदी और डिप्टी सेक्रेटरी पोलिक देसाई उपस्थित थे। प्रतिनिधिमंडल ने गुजरात में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को सीधे प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिए।

मीटिंग में चैंबर द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे इस प्रकार है।  प्रोफेशनल टैक्स की राशि कम होने के बावजूद इसे हर महीने जमा करने की बाध्यता MSMEs पर अनावश्यक एडमिनिस्ट्रेटिव बोझ डालती है। इसे समाप्त करने से छोटे उद्योगों का समय, लागत और प्रक्रियात्मक दबाव कम होगा।

गुजरात ग्रीन एनर्जी – ओपन एक्सेस रेगुलेशंस में 30% बैंकिंग क्लॉज़ पर स्पष्टता। 30% बैंकिंग क्लॉज़ की अलग-अलग व्याख्याओं के कारण MSMEs रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश करने से हिचकते हैं। चैंबर ने अनुरोध किया कि इस क्लॉज़ की स्पष्ट और एकसमान परिभाषा सरकारी स्तर पर जारी की जाए।

रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में टाइम-लिमिट बढ़ाने की ज़रूरत। 1 MW से 100 MW तक के प्रोजेक्ट्स के लिए: टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट मिलने के बाद मंज़ूरी के लिए अधिक समय देने की आवश्यकता बताई गई। पहले यह अधिकार GUVNL के पास था, लेकिन अब GERC के पास होने से महीनों की देरी होती है।

चैंबर ने मांग की कि टाइम-लिमिट को बढ़ाने का अधिकार फिर से GUVNL या एनर्जी एंड पेट्रोकेमिकल्स डिपार्टमेंट को दिया जाए, ताकि प्रोजेक्ट समय पर पूरी हो सकें और इंडस्ट्री को आर्थिक नुकसान न हो।

NCGG डायरेक्टर डॉ. सुरेंद्र कुमार बागड़े ने चैंबर और अन्य एसोसिएशनों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया किसंबंधित विभागों के साथ चर्चा की जाएगी, और उचित कार्रवाई करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

चैंबर ने उम्मीद जताई कि इन मुद्दों पर जल्द समाधान होगा, जिससे गुजरात में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस और बेहतर होगा और MSME सेक्टर को और तेज़ गति मिल सकेगी।

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