सूरत : 30 साल में गंभीर अपराधों में शामिल 2400 आरोपियों का बनेगा खास ‘डोज़ियर’; देशभर की सुरक्षा एजेंसियों की नजर

दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद पुलिस हाई अलर्ट, आरोपियों की तस्वीरों से लेकर रिश्ते-नातों, विदेश कनेक्शन और प्रॉपर्टी की जानकारी जुटाई जाएगी

सूरत : 30 साल में गंभीर अपराधों में शामिल 2400 आरोपियों का बनेगा खास ‘डोज़ियर’; देशभर की सुरक्षा एजेंसियों की नजर

सूरत : दिल्ली में हाल ही में हुए कार ब्लास्ट ने देशभर की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय और गुजरात पुलिस मुख्यालय ने राज्य में सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। इसी के चलते सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत के मार्गदर्शन में शहर में एक मेगा इंटेलिजेंस ड्राइव शुरू की गई है।

इस ड्राइव के तहत पिछले 30 वर्षों में गंभीर अपराधों में शामिल 2400 आरोपियों का विस्तृत 5-पेज का डोजियर तैयार किया जा रहा है। इस डोजियर में उनके अपराध रिकॉर्ड से लेकर सोशल, डिजिटल और व्यक्तिगत जीवन तक की हर महत्वपूर्ण जानकारी शामिल की जाएगी।

क्या है यह 5 पेज का ‘सीक्रेट डोजियर’?

यह डोजियर सिर्फ एक साधारण फाइल नहीं है, बल्कि पुलिस द्वारा तैयार किया गया सुरक्षा का अत्याधुनिक प्रोफाइल सिस्टम है। इसमें आरोपी की जिंदगी से जुड़े लगभग सभी पहलुओं को कवर किया जा रहा है।

1. तीन एंगल से तस्वीरें — AI सिस्टम में अपलोड होंगी। पहले पेज पर आरोपी की पहचान के लिए तीन ताज़ा फोटो —सीधा, दाईं ओर से,बाईं ओर से इन तस्वीरों को AI डेटाबेस में डाला जाएगा, ताकि शहर में कहीं भी लगे सीसीटीवी कैमरे भीड़ में आरोपी की पहचान तुरंत कर सकें।

2. बेसिक से लेकर डिजिटल बिहेवियर तक की डिटेल्स होगी। आरोपी की बेसिक जानकारी, पूरा नाम, सरनेम, वर्तमान और मूल पता, ब्लड ग्रुप, एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, टैटू, निशान, चोट के दाग जैसी पहचान, हाइट और मौजूदा हुलिया (दाढ़ी/क्लीन शेव आदि)। 

डिजिटल प्रोफाइलिंग क्रिमिनल अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए पुलिस उनके डिजिटल फुटप्रिंट भी जुटा रही है। मोबाइल नंबर, ईमेलफेसबुक, इंस्टाग्राम, अन्य सोशल मीडिया अकाउंट, पिछले वर्षों में डिजिटल एक्टिविटी की जांच। 

3. आरोपी के रिश्तेदारों के विदेश कनेक्शन भी जांच के दायरे में। इस डोजियर की सबसे संवेदनशील जानकारी में यह शामिल होगा कि क्या आरोपी का कोई रिश्तेदार या दोस्त पाकिस्तान, बांग्लादेश या किसी अन्य पड़ोसी देश में रहता है? यह जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

4. प्रॉपर्टी, इनकम सोर्स और हवाला कनेक्शन। पुलिस यह भी जांच रही है कि आरोपी ने कब, कहाँ और किस पैसे से प्रॉपर्टी खरीदी? क्या उसकी इनकम वैध है? कहीं कोई हवाला या अवैध फंडिंग तो नहीं है? क्या कोई पॉलिटिकल या फाइनेंशियल सपोर्ट मिला था?

5. दुश्मनी और लव रिलेशनशिप तक दर्ज होंगे। अक्सर अपराधी दुश्मनी या लव अफेयर्स के कारण नई आपराधिक गतिविधियों में शामिल होते हैं। इसलिए पुलिस यह डिटेल भी दर्ज कर रही है। आरोपी की किससे दुश्मनी है? क्या कोई लव रिलेशन था? उसके पुराने गैंग के साथी कौन थे? क्या वह अभी भी उनके संपर्क में है?

सूरत पुलिस 30 साल का रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस कमिश्नर के अनुसार, सुरक्षा के लिहाज से यह प्रोजेक्ट बेहद महत्वपूर्ण है। अब तक तैयार स्थिति के बारे में जानकारी दी गई । जिसमें कुल संदिग्धों की लिस्ट 3800 लोगों की है। 2400 लोगो का डाटा तैयार हो रहा है,  जेल में वर्तमान आरोपी 217, गुजरात से बाहर रहने वाले 1200,  शहर से बाहर रह रहे लेकिन रडार पर 170,  जिनकी मौत हो चुकी 92  सहित डोजियर: 700+ का डोजियर तैयार हो चुका है। 

कमिश्नर गहलोत ने बताया कि सीम्मी (2002), अहमदाबाद–सूरत ब्लास्ट (2008) के आरोपी भी इस हाई-सिक्योरिटी लिस्ट में शामिल हैं। जिनकी फोटो AI सिस्टम में अपलोड कर दी गई है।

‘इलाज से बेहतर बचाव’ पर काम कर रही है सूरत पुलिस। यह मेगा प्रोजेक्ट अगले संभावित खतरों को पहले ही पहचानने और रोकने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। आरोपी कहाँ जाता है, किससे मिलता है, क्या कमाता है  इस पर लगातार नजर रखी जा रही है।