सूरत : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शहर में आवारा श्वानों पर सख्ती, अस्पताल–स्कूलों में होगी बाड़बंदी
संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने और निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
सूरत। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 नवंबर को दिए गए ऐतिहासिक निर्णय के बाद अब देशभर में राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों समेत संवेदनशील इलाकों से आवारा पशुओं को हटाना अनिवार्य हो गया है।
खासकर अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि पकड़े गए आवारा श्वानों को अब उनके पुराने स्थानों पर दोबारा नहीं छोड़ा जाएगा।
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इन निर्देशों का सख्ती से पालन करवाने और तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं।
इसी संदर्भ में बुधवार को सूरत नगर निगम के उपायुक्त (स्वास्थ्य एवं अस्पताल) की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इसमें सरकारी और अर्धसरकारी अस्पतालों, रेलवे और बस स्टेशनों, जिला शिक्षा अधिकारियों, कार्यकारी अभियंताओं और उप स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सूरत शहर के सभी सरकारी-अर्धसरकारी संस्थानों, निजी स्कूल-कॉलेजों, अस्पतालों, रेलवे और बस स्टेशनों के परिसरों को आवारा श्वानों से सुरक्षित करने के लिए उचित बाड़बंदी या बाउंड्रीवॉल बनाई जाएगी।
इन जगहों के प्रवेश और निकास द्वार को नियंत्रित और सुरक्षित किया जाएगा।सभी संस्थानों में इस कार्य की निगरानी और सही क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। लोगों में जागरूकता लाने के लिए आईईसी गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश जारी हुए।
प्रत्येक संस्थान का हर तीन महीने पर निरीक्षण अनिवार्य होगा, ताकि इन परिसरों में आवारा श्वानों की संख्या बढ़ने या अड्डा बनने की स्थिति न हो।
बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि पूरे अभियान का एक संपूर्ण डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाए, जिससे सूरत में आवारा कुत्तों पर नियंत्रण की निरंतर निगरानी और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सूरत नगर निगम ने तेज़ी से कदम उठाते हुए शहर के संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली है।
