सूरत : जल संरक्षण अभियान में सूरत ज़िले कि राष्ट्रीय उपलब्धि
देश के शीर्ष 10 जिलों में सूरत को स्थान; जल संरक्षण जनभागीदारी अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार
सूरत। सूरत ज़िले ने जल संरक्षण जनभागीदारी अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित छठे जल पुरस्कार एवं जल संरक्षण जनभागीदारी पुरस्कार समारोह में सूरत को देश के शीर्ष 10 जिलों में स्थान मिला है।
सूरत गुजरात का एकमात्र जिला है जिसे यह सम्मान प्राप्त हुआ है। ज़िले को राष्ट्रीय स्तर पर 10वां स्थान और 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया।
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की विशिष्ट उपस्थिति रही। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने सूरत के ज़िला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी और उप ज़िला विकास अधिकारी (राजस्व) पीयूष पटेल को पुरस्कार और चेक सौंपा।
मंत्रालय द्वारा देशभर के जिलों में जल संरक्षण प्रयासों की समीक्षा के बाद सूरत ने पश्चिमी क्षेत्र की श्रेणी-2 में प्रथम स्थान पाया है। मंत्रालय ने सूरत के जल संरक्षण मॉडल, जनभागीदारी और क्रियान्वयन को उत्कृष्ट बताया।
कम लागत और व्यापक स्तर पर कामयाब जल संरक्षण मॉडलसूरत ज़िले के जल संरक्षण मॉडल की सफलता का प्रमुख आधार विभिन्न फंड और योजनाओं—15वां वित्त आयोग,मनरेगा,सीएसआर,डीएमएफ,जिला पंचायत स्व-वित्तपोषण,कलेक्टर फंडका प्रभावी समन्वय रहा, जिससे जल संरचनाएँ कम लागत पर, तेज़ गति से और व्यापक पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचीं।
‘जलमित्र’ पहल बनी अभियान की रीढ़
ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की गई ‘जलमित्र’ पहल ने जनभागीदारी को बढ़ावा देते हुए जल संरक्षण को जन-आंदोलन का रूप दिया। जलमित्रों ने गाँव-गाँव में लोगों को बोरवेल और रूफटॉप रिचार्ज, तालाब गहरीकरण, नए तालाब, चेकडैम मरम्मत और निर्माण जैसे कार्यों के प्रति जागरूक किया।
67 हजार से अधिक जल संरचनाएँ निर्मित
ज़िला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी ने बताया कि सूरत में अब तक 67,000 से अधिक जल संग्रहण एवं पुनर्भरण संरचनाएँ स्थापित की गई हैं, जिनमें शामिल हैं— बोरवेल एवं कुओं की रिचार्ज संरचनाएँ तालाबों का गहरीकरण नए चेकडैम और मरम्मत कार्य रूफटॉप रेनवॉटर सिस्टम रिचार्ज पिट
उन्होंने कहा कि यह सम्मान सूरत की जनता और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की उपलब्धि है। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय मंत्री श्री सी.आर. पाटिल के मार्गदर्शन ने अभियान को नई गति दी।
