सूरत : सूरत के रत्न-आभूषण उद्योग को नई गति: आईडीआई और एसजेएमए ने किया महत्वपूर्ण समझौता
उद्योग विकास, कौशल उन्नयन और अंतरराष्ट्रीय पहचान को लक्ष्य बनाकर संयुक्त कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और प्रयोगशाला सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा
इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट (आईडीआई) और सूरत आभूषण निर्माता संघ (एसजेएमए) के बीच सोमवार, 17 नवंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस करार का उद्देश्य सूरत के रत्न एवं आभूषण उद्योग को तकनीकी, शैक्षिक और कौशल आधारित सहयोग प्रदान कर उसे नई दिशा और गति देना है।
समझौते के तहत आईडीआई, एसजेएमए के सहयोगी संस्थान के रूप में आगामी कार्यक्रमों को बढ़ावा देगा। दोनों संगठनों ने रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार, उन्नत कौशल विकास और नवाचार को आगे बढ़ाने हेतु संयुक्त रूप से कार्यशालाएँ, सेमिनार, प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।
MoU के अनुसार, आईडीआई और एसजेएमए मिलकर एक पूरक ढाँचा तैयार करेंगे, जिसके माध्यम से एसजेएमए की सदस्य कंपनियों सहित आभूषण निर्माताओं को आईडीआई के शैक्षिक कार्यक्रमों और रत्न विज्ञान प्रयोगशालाओं की सेवाओं का लाभ अधिक प्रभावी ढंग से मिल सकेगा।
एसजेएमए अपने विभिन्न मंचों, आयोजनों, प्रकाशनों, प्रदर्शनियों और सदस्य-आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से आईडीआई की प्रयोगशाला सेवाओं, शैक्षिक पाठ्यक्रमों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अनुसंधान पहलों को व्यापक प्रचार-प्रसार देगा।
सूरत के आभूषण उद्योग के सुनियोजित विकास और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आईडीआई की पहचान को मजबूत करने की दिशा में यह समझौता एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आईडीआई की ओर से दिनेशभाई नावडिया और एसजेएमए की ओर से अध्यक्ष अमितभाई कोराट ने जयंती सावलिया, विजय मांगुकिया, महेश मांगुकिया, दिव्येश मावाणी, परेश मणिया और दीपक घड़ेसरिया की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए।
