सूरत : देसाई परिवार ने किया प्रेरणादायक निर्णय, दिवंगत लीलाबेन देसाई के नेत्र और देहदान से फैलाई मानवता की ज्योति

लोक दृष्टि आई बैंक, रेड क्रॉस ब्लड बैंक और लायंस क्लब ऑफ सूरत ईस्ट के माध्यम से हुआ नेत्रदान और देहदान समर्पण

सूरत : देसाई परिवार ने किया प्रेरणादायक निर्णय, दिवंगत लीलाबेन देसाई के नेत्र और देहदान से फैलाई मानवता की ज्योति

सेवा और मानवता की मिसाल पेश करते हुए देसाई परिवार ने अपनी दिवंगत मातृशक्ति स्वर्गीय लीलाबेन रवजीभाई देसाई के नेत्र और देहदान का निर्णय लेकर समाज के लिए प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।

स्व. लीलाबेन देसाई (गांव सुरनगर, तालुका गारियाधार, जिला भावनगर; वर्तमान पता – डी/1102, ग्लोरी हिल्स, अब्रामा रोड, मोटा वराछा, सूरत) का 7 नवंबर की सुबह लगभग 4 बजे निधन हो गया। निधन के बाद परिवार ने तत्काल नेत्रदान का निर्णय लिया।

पुत्र अजयभाई रवजीभाई देसाई ने बताया कि “माता के निधन के बाद जब पूरा परिवार घर पर एकत्र हुआ, तब हमने नेत्रदान करने का निश्चय किया। पड़ोसी अशोकभाई वघासिया की मदद से डॉ. प्रफुलभाई शिरोया से संपर्क हुआ, जिन्होंने हमारे इस निर्णय को सफल बनाया।”

नेत्रदान के बाद पति रवजीभाई हिरजीभाई देसाई ने परिवार के सामने अपनी इच्छा व्यक्त की कि “शरीर को अग्नि संस्कार में भस्म करने के बजाय मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बनाया जाए, ताकि वे मानव शरीर की आंतरिक संरचना को समझ सकें।” इस प्रकार परिवार ने देहदान का निर्णय भी लिया। देसाई परिवार ने कहा कि “इस मानवीय कार्य को सफल बनाने में सहयोग देने वाले अशोकभाई वघासिया और डॉ. प्रफुलभाई शिरोया के प्रति हमारा पूरा परिवार हृदय से आभारी है।”

डॉ. प्रफुल शिरोया ने कहा कि “अंधेपन से पीड़ित लोगों की जिंदगी में उजाला लाने के लिए समाज में नेत्रदान, देहदान और अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाना आवश्यक है। किसी भी दुखद क्षण को सेवा का अवसर बनाया जा सकता है।” इस अवसर पर लोक दृष्टि आई बैंक के दिनेशभाई जोगाणी, डॉ. हरीकृष्ण शिरोया, डॉ. राज किशोर बेहरा, लायन जगदीश बोडरा और लायन किशोर मंगोलिया ने अपनी सेवाएँ प्रदान करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। देसाई परिवार के इस कदम ने मानवता और सेवा की भावना को नई दिशा दी है। “जीते जी रक्तदान, जाते जाते नेत्रदान, अंगदान, देहदान  यही है सच्ची सेवा और मानवता।”

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