राजकोट में ‘आपकी पूंजी, आपके अधिकार’ अभियान की शुरुआत: 565 खाताधारकों को 4.22 करोड़ रुपये लौटाए गए
राष्ट्रव्यापी लावारिस राशि निपटान अभियान के तहत विधायक दर्शिताबेन शाह की उपस्थिति में लाभार्थियों को प्रमाणपत्र व रसीदें प्रदान
देशभर में लावारिस एवं निष्क्रिय जमा राशियों के त्वरित निपटान के उद्देश्य से शुरू किए गए "आपकी पूंजी, आपके अधिकार" अभियान का शुभारंभ राजकोट में इंजीनियरिंग एसोसिएशन हॉल, भक्तिनगर स्टेशन प्लॉट में किया गया। लीड बैंक, राजकोट के नेतृत्व में आयोजित इस वित्तीय जागरूकता शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक दर्शिताबेन शाह उपस्थित रहीं। यह राष्ट्रव्यापी अभियान अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित किया जा रहा है।
विधायक दर्शिताबेन शाह ने कार्यक्रम में कहा कि “बैंक हमेशा पैसा लेने के लिए बुलाते हैं, पर पहली बार बैंक पैसा लौटाने के लिए बुला रहे हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही संभव हुआ है। लोग बैंक में पैसा नहीं, बल्कि अपना भरोसा जमा करते हैं, और यह भरोसा अब लौटाते हुए देखा जा रहा है।” उन्होंने कहा कि बैंक खातों में पड़ी निष्क्रिय राशि वापस मिलने से यह धन फिर से अर्थव्यवस्था में प्रवाहित होगा।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, 30 जून 2025 तक भारतीय रिज़र्व बैंक में 67,000 करोड़ रुपये की अघोषित राशि जमा है। वहीं सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीए के विभिन्न खातों में 1.85 लाख करोड़ रुपये से अधिक की भूली हुई जमा राशि पड़ी है।
कार्यक्रम के दौरान विधायक दर्शिताबेन शाह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने लाभार्थियों को प्रमाणपत्र और निपटान रसीदें प्रदान कीं। राजकोट जिले के 565 खाताधारकों को विभिन्न बैंकों द्वारा कुल 4.22 करोड़ रुपये लौटाए गए, जबकि एलआईसी ने लाभार्थियों को 9.65 लाख रुपये की राशि सीधे दी।
भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधि सचिन पाटीदार ने बताया कि बैंक, बीमा, पेंशन और प्रतिभूति क्षेत्र की विभिन्न संस्थाओं के पास कुल 1.85 लाख करोड़ रुपये मूल्य की पुरानी या भूली हुई जमा राशि है। 10 वर्षों से अप्रयुक्त और उत्तराधिकारी विवरण के बिना पड़े खातों की राशि आरबीआई में जमा रहती है। उन्होंने बताया कि शेयर बाज़ार या म्यूचुअल फंड निवेशों की जानकारी ‘मित्र पोर्टल’ के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
नागरिकों को पुरानी या निष्क्रिय जमा राशि वापस दिलाने के ऐसे कार्यक्रम राजकोट, अहमदाबाद, आणंद, खेड़ा, बड़ौदा और सूरत में चरणबद्ध रूप से आयोजित किए जाएँगे। इस पहल का शुभारंभ 4 अक्टूबर को गांधीनगर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था।
राजकोट जिले में सभी बैंकों, एलआईसी और वित्तीय संस्थानों ने ग्राहकों का पता लगाकर सत्यापन किया तथा 139 करोड़ रुपये लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राजकोट जिला कलेक्टर की ई-धारा शाखा ने भी 2 लाख रुपये से अधिक की राशि वापस की। कार्यक्रम में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, नाबार्ड, भारतीय स्टेट बैंक सहित कई वित्तीय संस्थानों के अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में लाभार्थी मौजूद रहे।
