सूरत : सुरभि डेयरी में नकली पनीर का भंडाफोड़ , रोज़ाना 200 किलो नकली पनीर खा रहे थे सूरतवासी
एसओजी की छापेमारी में 955 किलो नकली पनीर ज़ब्त, मालिक ने माना"हाँ, पनीर नकली था" : डीसीपी
सूरत। त्योहारों के बीच शहर में मिलावटखोरी का बड़ा खुलासा हुआ है। सूरत पुलिस की एसओजी टीम ने सूरत की प्रसिद्ध सुरभि डेयरी की दो इकाइयों पर छापा मारकर 955 किलो नकली पनीर जब्त किया है। जांच में सामने आया कि यह डेयरी रोज़ाना लगभग 200 किलो नकली पनीर बाजार में भेज रही थी।
डीसीपी राजदीप सिंह नाकुम के अनुसार, छापेमारी के दौरान डेयरी के मैनेजर और मालिक ने स्वीकार किया कि पनीर नकली था। यह नकली पनीर बाजार में 250 से 270 रुपये प्रति किलो की दर पर बेचा जा रहा था — जबकि असली पनीर की कीमत लगभग दोगुनी होती है।
एसओजी और नगर निगम की टीम ने जब फैक्ट्री की तलाशी ली, तो पाया कि ग्लेशियल एसिटिक एसिड का उपयोग दूध को तेजी से फाड़ने और पनीर तैयार करने के लिए किया जा रहा था। यह रसायन मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है।
सूचना के आधार पर सबसे पहले पुलिस ने खटोदरा थाना क्षेत्र के सोरठिया कंपाउंड स्थित गोदाम पर छापा मारा, जहाँ से 755 किलो नकली पनीर (क़ीमत ₹1.81 लाख) बरामद किया गया। गोदाम में मौजूद मैनेजर शैलेशभाई छगनभाई पटेल ने स्वीकार किया कि यह पनीर सुरभि डेयरी की मुख्य निर्माण इकाई — सायण (ओलपाड) से भेजा गया था।
इसके बाद टीम ने सायण के लक्ष्मी इंडस्ट्रीज स्थित प्लॉट नंबर 1, 2 और 3 पर छापा मारा, जहाँ डेयरी का मुख्य उत्पादन केंद्र था। यहाँ से भारी मात्रा में संदिग्ध डेयरी उत्पाद और रसायन बरामद हुए 200 किलो नकली पनीर, 420 किलो रेडीमेड बटर, 600 लीटर संदिग्ध दूध, 90 लीटर संदिग्ध तेल, 7 लीटर ग्लेशियल एसिटिक एसिड सहित कुल जब्त माल की कीमत ₹3.02 लाख आंकी गई है।
डीसीपी राजदीप सिंह नाकुम ने बताया कि आरोपी कौशिकभाई वल्लभभाई पटेल से पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि पनीर जानबूझकर नकली बनाया जा रहा था ताकि लागत घटाकर ज़्यादा मुनाफ़ा कमाया जा सके। उन्होंने कहा, “हम इस मामले में किसी तरह की ढील नहीं देंगे। इस नकली पनीर को जिन ग्राहकों या दुकानों ने खरीदा, उनकी भी जांच की जा रही है।”
एसओजी द्वारा दिवाली से पहले चलाए जा रहे इस विशेष अभियान में अब तक 9000 किलो नकली घी और 100 किलो नकली मक्खन ज़ब्त किया जा चुका है। यह कार्रवाई सूरत में डेयरी उत्पादों में हो रही मिलावट पर सबसे बड़ा प्रहार मानी जा रही है।
