सूरत : उदयपुर के निकट आशीष गुजराती पर हमले को लेकर एसजीसीसीआई ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

चैंबर ने की निष्पक्ष जांच, दोषियों की गिरफ्तारी और जीरो एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

सूरत : उदयपुर के निकट आशीष गुजराती पर हमले को लेकर एसजीसीसीआई ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन सौंपकर चैंबर के पूर्व अध्यक्ष आशीष गुजराती पर हुए हमले की गंभीर घटना पर चिंता व्यक्त की है और त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

चैंबर के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने बताया कि ज्ञापन में मुख्यमंत्री को सूचित किया गया कि 26 अक्टूबर, 2025 की रात करीब 11:30 बजे उदयपुर के निकट पीपली क्षेत्र में अज्ञात लुटेरों ने आशीष गुजराती और उनके परिवार पर लाठियों से हमला किया। हमलावरों ने उनके सिर पर वार करते हुए जान से मारने की धमकी दी, जिससे पूरा परिवार भयभीत हो गया और मानसिक आघात में चला गया।

पुलिस ने ‘अधिकार क्षेत्र’ का हवाला देकर जीरो एफआईआर दर्ज करने से किया इनकार

हमले के बाद पीड़ित परिवार ने निकटतम सूरजपोल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों ने "अधिकार क्षेत्र" का हवाला देकर जीरो एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। चैंबर ने अपने ज्ञापन में कहा है कि जीरो एफआईआर की व्यवस्था पूरे देश में लागू है और किसी भी थाने में अपराध दर्ज किया जा सकता है। बाद में उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप से तीन दिन बाद, 29 अक्टूबर, 2025 को एफआईआर दर्ज की गई।

चैंबर ने यह भी बताया कि पीपली से उदयपुर के बीच लगभग 50 किलोमीटर के क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क (Vi सेवा) की कमी के कारण पीड़ित परिवार समय पर मदद नहीं ले सका। इतना ही नहीं, एनएचएआई द्वारा दिए गए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

चैंबर ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि घटना की समयबद्ध और निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कानूनी सजा दिलाई जाए और उदासीन पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए। साथ ही, राज्य के राजमार्गों और पर्यटन मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था, मोबाइल नेटवर्क और आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने की मांग की गई है।

ज्ञापन में चैंबर ने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री सूरत आए थे और दक्षिण गुजरात के उद्योगपतियों को राजस्थान में निवेश के लिए आमंत्रित किया था। ऐसे में इस तरह की घटना उद्योग जगत के विश्वास को झटका देती है और राज्य की "सुरक्षित एवं निवेशक-हितैषी" छवि को भी प्रभावित करती है।

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