सूरत : कबाड़ बेचने के लिए लगी लंबी कतारें, महिधरपुरा-रूवाला टेकरा क्षेत्र में अनोखा नज़ारा

जहाँ हर काम के लिए सूरत में लगती है लाइन, वहीं अब लोग भंगार बेचने के लिए भी कतार में खड़े

सूरत : कबाड़ बेचने के लिए लगी लंबी कतारें, महिधरपुरा-रूवाला टेकरा क्षेत्र में अनोखा नज़ारा

सूरत। शहर में जहाँ राशन कार्ड, गैस कनेक्शन, अस्पताल या आधार कार्ड केंद्र पर लाइनें लगना आम बात है, वहीं अब एक नया दृश्य देखने को मिल रहा है । लोग भंगार बेचने के लिए भी कतारों में खड़े हैं।

महिधरपुरा और रूवाला टेकरा क्षेत्र में स्थित भंगार की दुकानों के बाहर सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग अपनी-अपनी बोरी लेकर लाइन में खड़े दिखाई देते हैं। कुछ लोग पुराने लोहे, एल्युमिनियम, वायर, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक कबाड़ लेकर आते हैं, जबकि कुछ लोग घर की सफाई में निकले सामान को बेचने पहुंचते हैं।

स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, त्योहारी सीज़न और साल के अंत में सफाई बढ़ने से कबाड़ की मात्रा भी बढ़ जाती है, इसलिए पिछले कुछ दिनों से दुकानों पर असामान्य भीड़ देखी जा रही है। कई जगहों पर तो लोगों को अपने नंबर के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ता है।

एक दुकानदार ने बताया, “हर दिन करीब 200 से ज़्यादा लोग भंगार लेकर आते हैं। कीमतें भी अच्छी मिल रही हैं, इसलिए लोग पुराने सामान को तुरंत बेचने आ रहे हैं।”

शहर के लोगों ने मज़ाकिया लहज़े में कहा कि “सूरत में अगर किसी चीज़ के लिए लाइन नहीं लगती तो वो चीज़ ही नहीं बची। अब तो भंगार बेचने के लिए भी लाइन लग रही है।”

यह नज़ारा सूरत की आर्थिक सक्रियता और लोगों के जागरूक होने का भी संकेत देता है कि अब लोग कबाड़ को भी संसाधन के रूप में देख रहे हैं, जिससे न केवल सफाई बढ़ रही है बल्कि पुनर्चक्रण उद्योग को भी बढ़ावा मिल रहा है।

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